रिपोर्ट _ अमित कुमार
ऋषिकेश , ऋषिकेश क्षेत्र में हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए सरकारी भूमि पर काबिज अवैध निर्माण पर मोबाइल कंपनी द्वारा धड़ल्ले से मोबाइल के टावर पर टावर लगाए जा रहे है जिसको स्थानीय प्रशासन देख कर भी अनदेखा कर रहा है।
जबकि त्रिवेणी घाट चौक से चंद्रभागा पुल तक नेशनल हाईवे पर अवैध अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट ने ध्वस्तिकरण के सख्त आदेश दिए हुए हैं , लेकिन हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना लगातार हो रही है। अतिक्रमणकारी दबंगई के साथ अवैध निर्माणों पर धड़ल्ले से मोबाइल टावर लगा रहे हैं जिस पर जिम्मेदार संस्थाएं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
बताते चलें चंद्रभागा पुल के समीप एक कैफे की छत के ऊपर मोबाइल कंपनी का तीसरा टावर लगाया जा रहा है जबकि नीचे नेशनल हाईवे से हजारों गाड़ियां गुजरती हैं , कभी भी तेज आंधी चलने पर बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन प्रशासन इस ओर मूक दर्शक बना हुआ है ।
गौरतलब है कि ऋषिकेश के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता ने कोयल घाटी से लेकर चंद्रभागा पुल तक अवैध अतिक्रमण पर हाई कोर्ट में याचिका दायर करी थी जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए इन सभी बिल्डिंगों को चिन्हित करके ध्वस्ती करण के आदेश पारित किए थे।
अनिल गुप्ता का कहना है कि उनके द्वारा यह मामला लगातार उठाए जा रहा है लेकिन विभाग लगातार हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा है जिससे ऋषिकेश के मुख्य मार्ग पर अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं ।
वहीं दूसरी ओर टिहरी गढ़वाल की नगर पालिका क्षेत्र के एक मकान की छत पर लगाए गए ,मोबाइल टावर को लेकर स्थानीय नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है ।जिसे हटाए जाने के लिए क्षेत्र के लोग आंदोलित है।
ढाल वाला के शांति प्रसाद नौटियाल ने बताया कि ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढाल वाला में सुमन पार्क के निकट एक इमारत पर लगाए गए, मोबाइल टावर को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध जताने के बावजूद भी कंपनी के अधिकारियों द्वारा जबरन टावर लगाया गया है। इसके विरोध में स्थानीय प्रशासन से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायत भी दर्ज कराई गई है ।परंतु अधिकारियों की तानाशाही के चलते मोबाइल टावर को स्थापित कर दिया गया है ।
आरोप है इसके कारण लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है ,इतना ही नहीं स्थानीय लोग टावर हटाए जाने की मांग को लेकर सड़क भी जाम कर चुके हैं। जिस पर प्रशासन ने ग्रामीणों को कार्यवाही किए जाने का आश्वासन भी दिया था, जिसके बाद टावर का कार्य रोक दिया गया था। परंतु अब फिर से टावर लगा दिया गया है।
जबकि इस संबंध में नरेंद्र नगर के उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह का कहना है कि कंपनी के पास टावर लगाए जाने संबंधी केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने भी अनुमति प्रमाण पत्र दिया हुआ है ।जिसके चलते कंपनी ने टावर ने लगाए जाने का कार्य किया है । स्थानीय नागरिक इसका विरोध कर रहे हैं जिस के संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकाला जाएगा।वही टावर लगाए जाने का विरोध करने वाले शांति प्रसाद सुधीर कुमार अमरनाथ मनोहर कॉल राजेंद्र कुमार का कहना है कि वह टावर के विरोध में न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे ।