बंगलामुखी आश्रम में ऋषिकेश के राजा विराजमान
गुफाओं में विराजमान है ऋषिकेश के राजा , गणपति के भव्य रूप के दर्शन बंगलामुखी आश्रम ऋषिकेश में, महाराष्ट्र के कारीगरों द्वारा बनाई गई है विघ्नहर्ता गणेश की अति सुंदर 10फुट की प्रतिमा
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश 19 सितंबर, ऋषीकेश में गणपति उत्सव धूम धाम से मनाया जाता है जिसकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है ,तीर्थ नगरी ऋषिकेश कि खासियत है कि यहाँ हर साल यात्रा पर बड़ी दूर दूर से श्रद्धालु आते है ऐसे में आगामी दिनों तक नगर के पंडालो में यात्रा पर आये यात्री और विदेशी बड़ी संख्या में हिस्सा लेते है.और घर से दूर गंगा के तट पर गणपति उनके विघ्नों को दूर कर लेते है .ऋषिकेश देव भूमि का प्रवेश द्वार होने के साथ साथ ,विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व भी करता है गंगा के तटों पर बसे आश्रमो में हर तीज त्यहार को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है
ऋषिकेश के बंगलामुखी में गणपति महोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, यहाँ गणपति की मूर्ति को विशेष रूप से सजाकर पंडाल को एक थीम के अनुसार तैयार।
बंगलामुखी में गणपति महोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, यहाँ गणपति की मूर्ति को विशेष रूप से सजाकर पंडाल को एक थीम के अनुसार तैयार करके पंडाल में स्थापित करते हैं हर सुबह और शाम को भव्य गणेश पूजा का आयोजन होता है जिस में देश विदेश के श्रद्धालु शिरकत करते है। बंगलामुखी आश्रम के संचालक स्वामी महाराज राहुलेश्रानन्द जी ने बताया की इस बार के गणपति की थीम हिमालय की गुफा में विराजमान गणपति को लेकर और इसके पीछे आशय यह है कि उत्तराखंड और हिमाचल में आई आपदा से जिस तरह पहाड़ दरक रहे थे , गणपति बाबा गुफा में विराजमान होकर इन डरते हुए पहाड़ों को दरकने से कम करें, जिससे पहाड़ी क्षेत्र में आपदाएं कम हो, महाराष्ट्र विशेष भव्य मूर्ति मंगाई गई है और इस पुरे पंडाल को महाराष्ट्र से आये कारीगर ने गुफा के रूप से सेट की डिज़ाइनिंग करी है और गणपति की विशेष प्रतिमा को तरह तरह के आभूष्णों से सजाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति को मंडप में विराजमान करके विधिविधान से पूजा अर्चना करके पंडाल में विराजमान किया और दस दिनों तक चलने इस गणपति फेस्टिवल में विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा।