रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
दिल्ली, अपने अभिनय से दूसरों के चेहरे पर हंसी लाने वाले मशहूर अभिनेता और डायरेक्टर सतीश कौशिक का निधन हो गया है , दिल्ली में सफर के दौरान हार्ट अटैक आने के बाद हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर ने सतीश कौशिक को मृत घोषित कर दिया । नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पास आउट सतीश कौशिक के निधन के बाद रंग कर्मियों में शोक की लहर है , उत्तराखंड के जाने-माने रंगकर्मी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के ग्रेजुएट शिरीष डोभाल ने सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पास आउट सतीश कौशिक कई नाटकों में अभिनय कर चुके हैं साथ ही डायरेक्शन का कोर्स करके पुणे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से सिनेमा की बारीक जानकारियां लेकर दिल्ली से मुंबई अभिनय यात्रा के लिए निकल गए थे , एक नेचुरल एक्टर के रूप में सतीश कौशिक ने अपनी अलग पहचान बनाई है उनके निधन की खबर ने सभी रंग कर्मियों को स्तब्ध कर दिया है उत्तराखंड से हम सभी रंगकर्मी सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि देते हैं ।
फिल्म एक्टर और सतीश कौशिक के अभिन्न मित्र अनुपम खेर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी, अनुपम खेर ने लिखा …
जानता हूं कि ‘मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!’ पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त #Satishkaushik के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम !! Life will NEVER be the same without you SATISH ! ओम् शांति!
सतीश कौशिक ने 66 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है.
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1965 को हरियाणा में हुआ था. सतीश ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ड्रामा और फिल्म की पढ़ाई की थी. उन्होंने बॉलीवुड में अभिनेता, कॉमेडियन, स्क्रिप्ट राइटर, निर्देशक और निर्माता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई. बॉलीवुड से पहले उन्होंने थिएटर में काफी काम किया था. अभिनेता के रूप में सतीश को 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया में कैलेंडर के रोल से रुपहले पर्दे पर आई एक नई पहचान मिली
1997 में सतीश ने दीवाना मस्ताना में पप्पू पेजर का किरदार निभाया था जो दर्शकों को काफी पसंद आया था. फिल्म मिस्टर इंडिया फिल्म में उन्होंने कैलेंडर का किरदार निभाया था. इसके बाद वह कई फिल्मों में साइड रोल में नजर आये, इन्हें 1990 और 1997 में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का यह पुरस्कार उन्हें क्रमश: राम लखन और साजन चले ससुराल के ‘मुत्थु स्वामी’ के किरदार के लिए मिला था ।
पहाड़ दस्तक की ओर से सतीश कौशिक को भावभीनी श्रद्धांजलि