हरक सिंह की गूगली कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र को
आईडीपीएल बना राजनीतिक खेल का मैदान, दवाइयों के प्लांट को बचाने में कभी किसी नेता ने नही दिखाया दमखम, अब बिना तथ्यों के मुद्दे पर जबरदस्ती का दे दना दन, जनता सब जानती है??
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश, ” ना सूत ,ना कपास और जुलाहो में लठम लठा ” कुछ इसी तरह का देखने को मिल रहा है ऋषिकेश के आईडीपीएल कॉलोनी में खाली होते आवासों की राजनीति में , लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जमीन तलाश रहे उत्तराखंड के दमदार नेता इस राजनीति अखाड़े में कूद चुके है, सबका मुख्य आकर्षण है कि कैसे वन भूमि पर बसे लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकें ।
लोकसभा चुनाव सामने हैं हरिद्वार सीट पर दो पूर्व मुख्यमंत्री अपनी ताकत आजमा रहे हैं हालांकि उत्तराखंड के दिग्गज नेता रहे हरक सिंह रावत की एंट्री भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर जोरशोर के साथ हो गई है, राजनीति के माहिर खिलाड़ी के आने से यह चुनाव और दिलचस्प होता जा रहा है , पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले भी हरक सिंह रावत के राजनीतिक दांवपेच में फंस कर सत्ता से बाहर हो गए थे , अब एक बार फिर हरक सिंह रावत हरीश रावत को चुनौती देने के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट पर जोर शोर से तैयारी करते हुए नजर आ रहे हैं जबकि हरीश रावत पहले से तैयारी में जुटे हुए थे , हालाकि अभी दोनो एक ही नाव पर सवार है,दोनों महारथी को कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने की सहमति नहीं दी है , यही से राजनीति के तीसरे सबसे माहिर केंद्र और राज्य में अपनी पावर दिखा चुके रमेश पोखरियाल निशंक भी पूरी तैयारी लगे हुए हैं और इन दोनों की प्रतिद्वंदिता का पूरा फायदा उठाने के मूड में नजर आ रहे है।
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यह तो बात हुई हरिद्वार लोकसभा सीट के सिनेरियो पर अब फिर लौटते हैं आईडीपीएल आवासीय भवन की राजनीति पर जहां बैठे बैठे कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल हरक सिंह रावत की राजनीति के फंदे में फंस गए हैं , प्रेमचंद्र अग्रवाल को हरक सिंह रावत से दोस्ती निभाना भारी पड़ गया , शायद वह भूल गए कि उनका सामना गढ़वाल के शेर हरक सिंह रावत से हो रहा है जो किसी भी पल अपने मनमौजी स्वभाव के चलते कब किसका शिकार कर दे यह किसी को नहीं पता चलता और जब राजनीति हो जाती है तब दूसरा नेता इस खेल की दुहाई देता रहता है चाहे वह हरीश रावत हो या अब प्रेमचंद्र अग्रवाल ।
हरक सिंह रावत ने प्रेमचंद अग्रवाल को आईडीपीएल के वोटर्स को साधने का एक ऐसा गुरु मंत्र दिया कि प्रेमचंद अग्रवाल अपनी व्यथा फोन पर हरक सिंह रावत को बताने में लगे रहे , लेकिन वह भूल गये कि राजनीतिक हमाम में सभी नंगे होते हैं और राजनीति नाम ही मौके का है , अब इस मुद्दे से पर्दा उठने के बाद प्रेमचंद अग्रवाल अपनी सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं और इसे ओछी राजनीति बता रहे हैं , जिससे हरक सिंह रावत को कोई फर्क नहीं पड़ता हां कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को उसी के मैदान में हरक सिंह रावत ने गुगली बॉल फेंककर राजनीति का एक नया पाठ पढ़ा दिया है कि राजनीति में सब कुछ जायज है।
अब हकीकत क्या है यह हम आपको बताते हैं ,ऋषिकेश के आईडीपीएल कालोनी में आवासीय भवनों को खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है, पहले चरण में 1500 आवासों में स्थानीय प्रशासन को 227 आवासों को खाली कराया है ,जर्जर आवासों को ध्वस्त किया जाना है अभी तक प्रशासन सिर्फ 50 आवासों को ही खाली करवा पाया है, और बीते रविवार को 14 जर्जर भवन को भारी विरोध के बीच ध्वस्त किया गया, हालांकि इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आवासीय भवनों में रह रहे कब्जे धारियों के पक्ष में लगातार समर्थन दे रही है वहीं क्षेत्रीय विधायक कैबिनेट मंत्री ने भी मानसून सीजन खत्म होने तक सरकारी क्वार्टर में रह रहे लोगों को मानसून खत्म होने तक रहने का आश्वासन दे रहे है, जिसके लिये वो स्थानीय प्रशासन को बोल चुके हैं, यही बात हरक सिंह से फोन पर भी वह कर चुके हैं हालांकि उस वीडियो में अपनी लाचारी भी जता चुके हैं जिसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरक सिंह की टीम ने वायरल कर दिया है ।