रिपोर्ट_ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश ,नगर निगम ऋषिकेश की पंचम राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त धनराशि राज्य के अन्य निगमों कोप्राप्त होने पर सभी नगर निगम पार्षदों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इस मामले को प्रदेश के मुख्य सचिव के दरबार में ले जाए जाने के लिए एक जूटता दिखाई।
मंगलवार को नगर निगम के सभागार में आयोजित निगम की महापौर अनिता ममगांई की अध्यक्षता में बैठक के दौरान पार्षदों ने कहा कि राज्य के अन्य निगमों की अपेक्षाकृत ऋषिकेश को पंचम राज्य वित्त आयोग के दौरान चार करोड़ 48 लाख 71 हजार का जो बजट प्राप्त हुआ है, वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। जबकि ऋषिकेश नगर निगम उत्तराखंड राज्य के मुख्य द्वार पर होने के कारण मुख्य श्रेणी में आता है।जिस की उपयोगिता को समझते हुए शासन स्तर पर पालिका से अपग्रेड कर निगम का दर्जा दिया गया है। जबकि इसी बजट से निगम के कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों को पेंशन और उनके भत्ते भी दिए जाने हैं।
इस दौरान पार्षद राकेश सिंह, गुरविंदर सिंह, ने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी ऋषिकेश को बजट आवंटित ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है ।जिसके कारण ऋषिकेश के विकास कार्य भी बाधित होंगे। उन्होंने कहा कि महापौर को इस संबंध में गंभीरता पूर्वक विचार कर राजनीति को किनारे करते हुए एकजुटता के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई को लड़ना चाहिए।