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पर्यटकों के लिए मौत का खतरा, गंगा के तट

आखिर कौन है जिम्मेदार, गंगा तट पर खुली मौत का , प्रशासन सरकार या पर्यटन कारोबारी

 

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश  , “अतिथि देवो भव:” “उत्तराखंड सिंपली हेवन” कहकर हम पूरे देश भर से पर्यटकों को उत्तराखंड आने का न्योता देते हैं , पर्यटक भी अब उत्तराखंड आना पसंद करता है लेकिन यह सोचने की बात है कि हम पर्यटकों के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं क्या सुविधा और सुरक्षा की ओर कभी राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन और यहां के पर्यटन कारोबारियों ने सोचा है , कहने को तो सरकारी और अखबारी भाषा में पर्यटन को उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार और रीढ तक कहा जाता है , लेकिन हालात इसके विपरीत हैं राज्य में सबसे निकम्मा और सबसे बेकार पर्यटन मंत्रालय है जिसमें बिना सोच के व्यक्ति को राजनीतिक गणित के अनुसार गद्दी सौंप दी जाती है जो सिर्फ बयान वीर बनकर ही इस मंत्रालय को चलाता है, अभी तक इन 22 सालों में उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए ठोस नीति नहीं बनाई गई है जिस पर पर्यटकों को सुरक्षा, अच्छा व्यवहार और ठगी का शिकार ना होना पड़े और ना ही अभी तक राज्य के सबसे हॉटेस्ट पॉइंट ऋषिकेश के गंगा तटों को सुरक्षित करने में पर्यटन विभाग स्थानीय प्रशासन और कारोबारियों ने कोई रुचि दिखाई है साल भर में गंगा के यह तक सरकार प्रशासन और कारोबारियों के निकम्मे पन के चलते है कई पर्यटकों की जान को असमय ही काल के ग्रास में समा देते हैं, अखबारों में रोज हेड लाइन के रूप में पर्यटकों की गंगा में डूबने से मौत रोज ही हैडलाइन बनती है लेकिन ना तो सरकार के ना तो प्रशासन के और ना ही यहां पर्यटकों के भरोसे काम कर रहे पर्यटन कारोबारियों के कान में जूं रेंगती है कि वह कोई फोर्स उपाय करके खतरनाक घाटों को सुरक्षित कर सकें , आखिर कब सरकार जागेगी और ऋषिकेश में पर्यटकों की मौत का सिलसिला थमेगा यह सबसे बड़ा सवाल है

राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पहाड़ दस्तक की अपील है कि ऋषिकेश में घूमने आने वाले देश भर के पर्यटकों की जान की सुरक्षा गारंटी जरूर दें , पर्यटन नीति में सुरक्षा और सुविधा मुख्य रूप से शामिल करें जिम्मेदार प्रशासन और कारोबारियों पर तुरंत कार्रवाई करें साथ ही पर्यटन जैसे मंत्रालय को किसी ऐसे सुलझे हुए व्यक्ति को सौपे जो पर्यटन के लिए जमीनी स्तर पर काम कर सके और राज्य में पर्यटकों को सुरक्षा गारंटी के साथ साथ सभी सुविधाएं मिले जिससे देश विदेश का पर्यटक उत्तराखंड को बेरोजगारी से मुक्त कर सकें और यहां वास्तविक रूप में पर्यटन राज्य की स्थापना हो सके , नहीं तो ना ही आर्थिक आधार बढ़ेगा और नाही इंफ्रास्ट्रक्चर ,

गौरतलब है कि ऋषिकेश मुनी की रेती में तत्कालीन भाजपा के कैबिनेट मंत्री जगमोहन की सोच ने और नारायण दत्त तिवारी के काम ने ऋषिकेश में आस्था पथ की शुरुआत करके एक मिसाल कायम करी , जिसे आगे बढ़ाया नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने आज ऋषिकेश से बैराज और मुनी की रेती से राम झूला तक आस्था पथ पर्यटकों की पहली पसंद है, अगर पर्यटन विभाग किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में रहे जो पर्यटन को अच्छी तरह से चला सके और राज्य में एक नई क्रांति ला सकें तभी उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश बन पाएगा नहीं तो पर्यटन के नाम पर निजी प्रयासों से ही उत्तराखंड में काम चलता रहेगा, सोचिएगा जरूर।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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