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उत्तराखंड के बॉर्डर सील

उत्‍तराखंड में बार्डर सील, पैरामिलिट्री फोर्स ने संभाली कमान; ड्रोन से की जा रही निगरानी

 

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदेश के सभी बार्डर सील किए गए हैं। प्रत्येक बार्डर पर अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है, ताकि पड़ोसी राज्यों से किसी तरह की तस्करी न हो पाए। पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर दोनों ओर से चेकिंग की जा रही है। खासकर हरिद्वार व देहरादून जिलों को संवेदनशील मानते हुए यहां सीमाओं पर डेढ़-डेढ़ सेक्शन अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है। सीमाओं पर ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। चुनाव के दौरान पड़ोसी राज्यों से शराब व नकदी तस्करी की काफी घटनाएं सामने आती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीमाएं सील कर चेकिंग बढ़ा दी गई है। यहां अर्धसैनिक बल के साथ संबंधित थाना स्तर की पुलिस भी तैनात की गई है। रात के समय निकलने वाले वाहनों की गहनता से चेकिंग और बाहरी प्रदेशों के वाहन चालकों की जानकारी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान ने बताया कि चुनाव के चलते निर्देशित किया गया है कि सभी सीमावर्ती जनपदों के प्रभारी लगातार आपस में समन्वय रखेंगे। जनपद, थाना व चेकपोस्ट स्तर पर वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आपस में जुड़े रहें। अंतरराज्यीय बैरियर पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ-साथ 24 घंटे संयुक्त चेकिंग, आपसी समन्वय से फोर्स की तैनाती सहित सूचनाओं का आदान-प्रदान करें।

वन क्षेत्रों में वनकर्मियों के साथ होगी पेट्रोलिंग
अंतरराज्यीय बैरियर पर कुछ क्षेत्र वन विभाग का भी है, जिसके चलते पुलिस विभाग ने वन विभाग से समन्वय स्थापित कर सीमावर्ती वन क्षेत्रों में भी संयुक्त पेट्रोलिंग करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश की सीमाओं पर कुछ कच्चे रास्ते भी हैं, जहां से पुलिस को तस्करी होने का संदेह है। ऐसे रास्तों पर भी लगातार निगरानी की जा रही है। क्योंकि तस्करों को इन रास्तों के बारे में जानकारी होती है। मुख्य मार्ग सील होने के चलते वह चुनाव के दौरान इन रास्तों का इस्तेमाल करते हैं।

राजस्व क्षेत्रों से असलहे जमा करवाना चुनौती
लोकसभा चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लगते ही असलहे जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसको लेकर पुलिस व राजस्व विभाग ने सभी असलहा धारकों का रिकार्ड भी जुटा लिया गया है, लेकिन राजस्व क्षेत्र से असलहा जमा करना बड़ी चुनौती होगी। इस कारण यह है कि प्रदेश में राजस्व उपनिरीक्षकों की संख्या काफी कम है। प्रदेश में करीब 7500 राजस्व गांव हैं और एक राजस्व उपनिरीक्षक के पास 15 से 20 गांव की जिम्मेदारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन से लेकर संचार व्यवस्था भी बेहतर नहीं रहती है। ऐसे में समय पर असलहे जमा करवाने के लिए राजस्व उपपनिरीक्षकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव का बिगुल बजते ही पुलिस व राजस्व विभाग के लिए हथियार जमा करना बड़ा चुनौतीपूर्ण रहता है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि कई लोग हथियार के संबंध में पूरी जानकारी नहीं देते। आचार संहिता लगते ही असहले जमा होने शुरू हो जाएंगे। अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान ने बतया कि निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि चुनाव आचार संहिता लगते ही कुछ लाइसेंस धारकों को छोड़कर बाकी सभी को अपने हथियार जमा करवाने अनिवार्य हैं।
इसके लिए हर जिले में जिलाधिकारी व एसएसपी की देखरेख में स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने असलहा धारकों की जानकारी जुटा ली है। आचार संहिता लगते ही इन असलहा धारकों को असलहे जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे, जो व्यक्ति असलहा जमा नहीं करता, उसके खिलाफ कार्रवाई का भी प्रविधान है।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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