सावन में फिर उठी बात शिवालय में मर्यादित ढंग से हो प्रवेश
आज से सावन की शुरुआत हो गई है बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार ऋषिकेश से गंगाजल भरकर नीलकंठ महादेव के जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं , ऐसे में एक बार फिर मर्यादित ढंग से मंदिर और मठों में प्रवेश की बात उठने लगी है
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , सावन शुरू होते ही तीर्थ नगरी में बम बम भोले की गूंज हर और सुनाई देने लगी है बड़ी संख्या में देश भर से शिव भक्त अपने आराध्य नीलकंठ महादेव को जलाभिषेक करने के लिए गंगाजल लेकर पहुंचने लगे हैं, ऋषिकेश और हरिद्वार के गंगा घाटों पर कांवड़ियों की भीड़ नजर आ रही है और बड़ी संख्या में शिव भक्त कांवड़ में जल लेकर नीलकंठ महादेव की यात्रा पर निकल रहे है, कल शाम से ही 60000 से ज्यादा शिव भक्त अब तक जलाभिषेक कर चुके हैं, ऐसे में एक बार फिर शिवालयम के साथ-साथ मंदिर और मठों में मर्यादित ढंग से प्रवेश करने की बात उठने लगी है, ऋषिकेश के प्रसिद्ध जयराम आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने युवा का कावड़ियो से अपील करी है कि गुरु और शिवालय में मर्यादित ढंग से प्रवेश करें। जिस से शिवालय में राधे के दर्शन के साथ-सथ एक मर्यादा भी बनी रहे क्योंकि शिवभक्त बड़ी श्रद्धा के साथ पूरे रास्ते भर बड़ी कठिनाइयां उठाकर ऋषिकेश नीलकंठ धाम पहुंचते हैं ऐसे में अगर मर्यादा का पालन ना हो तो इस भक्ति का कोई महत्व नहीं होता , कांवड़िए बड़ी संख्या में आए संत समाज पूरे स्वागत के लिए तैयार है लेकिन शिव भगवान के भक्ति को सार्थक करते हुए , मर्यादित ढंग से व्यवहार करें और मंदिर में प्रवेश करें ।
गौरतलब है कि इससे पहले शंकराचार्य बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम को लेकर मुखर ढंग से अपनी बात रख चुके हैं और निरंजनी अखाड़ा परिषद ने शिवालयों में सख्त पाबंदी लगा दी है कि मर्यादित ढंग से कपड़े पहन के आने वाले ही लोगों को दर्शन की अनुमति मिलेगी , अब ऋषिकेश के प्रसिद्ध जयराम आश्रम के महंत ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने संतो की बात को आगे बढ़ाते हुए सावन के पहले दिन ही शिव भक्तों से अपील कर डाली है कि उत्तराखंड में मर्यादा का पालन जरूर करें क्योंकि यहां के कण-कण में शिव विराजमान है।