युवा ईमानदार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नए कार्यकाल की उपलब्धियां
उत्तराखंड के बढ़ते कदम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल में पर्यटन को दी नई ऊंचाई, चारधाम यात्रा में टूटा सालो का रिकार्ड , पुष्कर सिंह धामी ने ईमानदार और करिश्माई नेता के रूप में खुद को किया स्थापित
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून,उत्तराखंड में आर्थिकी का जरिया सिर्फ पर्यटन है , अपने शुरुआती कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता मानते हुए धार्मिक और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करना शुरू किया जिसका नतीजा केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार हो रहे बदलाव के रूप में सामने आ रहा है , धार्मिक पर्यटन में देश विदेश के लोगों की रुचि इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि बीते सालों के सारे रिकॉर्ड इस बार चार धाम यात्रा में आए देसी विदेशी श्रद्धालुओं के चलते टूटने लगे हैं , अगर गौर करें तो कोरोना के बाद पटरी से उतर चुका उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार तेजी के साथ दोबारा अपने पैरों पर खड़ा हो गया होटल , परिवहन और उससे जुड़े अन्य व्यापार तेजी के साथ आगे बढ़ने लगे हैं , जिससे उत्तराखंड की आर्थिकी को भी एक नई गति मिली है जिसका पूरा श्रेय यहां के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच को जाता है , केंद्र सरकार से बेहतर तालमेल बिठाकर लगातार पर्यटन के क्षेत्र में आ रही दिक्कतों को दूर करते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम धामी सरकार ने अपने छोटे से कार्यकाल में बखूबी किया है जिसका नतीजा आज सबके सामने हैं। चार धाम की यात्रा के कपाट कब बंद होना शुरू हो गए हैं लेकिन यात्रियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है । देश विदेश से आने वाला पर्यटक धार्मिक यात्राओं के साथ-साथ साहसिक पर्यटन पर भी रुचि दिखाने लगा है जिससे रिवर राफ्टिंग , ट्रैकिंग माउंटेनिग और वाइल्ड लाइफ के शौकीनों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसी जगह एक बार फिर पर्यटकों की आमद से गुलजार होने लगी है । जल्द ही नए पर्यटन सर्किट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तेजी के साथ काम कर रहे हैं और उत्तराखंड के पहाड़ों पर रोपवे सिस्टम को विकसित करके ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने की योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी केदारनाथ यात्रा में करके संकेत भी दे दिए हैं कि आने वाला समय पहाड़ों पर रहने वाले और बाहर से आने वालों के लिए यातायात को सुगम बनाता चला जायेगा और यह कम कीमत में यातायात का एक नया सिस्टम विकसित कर देगा।