नीति और माना पास पर फहराया तिरंगा
चाइना बॉर्डर वाले पास पर पहुंची साइकिल से ,महिला सशक्तिकरण का दिया संदेश
देहरादून – हौसले बुलंद हो तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता इसी जज्बे के साथ ,एक बार फिर मलारी गांव की बेटी शिवांगी राणा पुत्री श्री कल्याण सिंह राणा ने कुछ बड़ा कर दिखाया है.. पिछले साल देहरादून से नीति माना घाटियों को साइकिल से अकेले पुरा करके खूब नाम कमाया था और इस बार फिर इन्होने नए रिकॉर्ड सेट कर दिए हैं। दरे जिन्हे की पास कहा जाता जो दो देशो के बॉर्डर को जोड़ते हैं, इन पास को इन्होंने साइकिल से नाप कर नया रिकॉर्ड बना दिया है। शिवांगी राणा साइकिल से पार्वती कुंड (बाराहोती), नीति पास, और माना पास पहुंचकर तिरंगा फेहराने वाली पहली महिला बन गई है.. ये तीनो पास चीन के बॉर्डर को जोड़ने वाले हाई एल्टीट्यूड पास है।
शिवांगी ने 15 अगस्त को पार्वती कुंड (बाराहोती – 4700 मीटर) में साइकिल से पहुंच कर आजादी के अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता की 75वी सालगृह) के दिन तिरंगा फेहराया..और इतनी ऊंचाई पर जहां खड़े होने में ही सांस फुल जाती है वहा इन्होने पुशअप बी लगाये ..
उसके बाद 18 अगस्त को नीति पास (ऊंचाई -5086 मीटर) को साइकिल से पहुंच के तिरंगा फेहराया। ऐसे दुर्गम रास्तों में साइकिल चलाकर शिवांगी ने बहुत गर्व का काम किया है।
…और आखिरी में 23 अगस्त को माना पास (ऊंचाई – 5632 मीटर) दुनिया के दसरे सबसे ऊंचे दर्रे (पास) को साइकिल से नाप दिया.. जिस ऊंचाई पर सांस लेना भी मुश्किल होता है उस ऊंचाई पर शिवांगी ने साइकिल से पहुंचकर रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इन तीनों पास को (जो चीन की सीमा को जोड़ते है ) साइकिल से पूरा करने वाली शिवांगी दुनिया की पहली महिला बन चुकी है… इनका कहना है कि माना पास दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा मोटरेबल पास है।
इन सारे पास को पुरा करने में भारतीय सेना ने इनका पुरा साथ दिया है जिसके लिए ये उनका दिल से धन्यवाद करती हैं..
शिवांगी का कहना है उन्होंने ये सब महिला सशक्तिकरण, अपने समुदाय, अपने राज्य उत्तराखंड, और अपने भारत देश के लिए किया है।