राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अखिल भारतीय शिव
साल भर की योजनाओं को लेकर हुआ मंथन , कश्मीरी पंडित घर वापसी और आगामी कार्यक्रमों पर तय हुई रुप रेखा
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का तीर्थनगरी के रायवाला में संचालित साप्ताहिक अखिल भारतीय चिंतन शिविर के सत्र भी संघ शिक्षा वर्ग तथा कश्मीर से विस्थापित पंडितों के के पुनर्वास पर केंद्रित रहा। लगातार चल रहे सत्रों में प्रमुख रूप से सरसंघचालक डा. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तत्रेय होसबाले तथा संपर्क प्रमुख रामलाल ने पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
तीर्थनगरी ऋषिकेश के निकट रायवाला में गंगा तट पर स्थित ओरोवैली आश्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 11 अप्रैल तक चलने वाले अखिल भारतीय चिंतन शिविर में प्रतिदिन प्रातः 9.00 बजे से सायं साढ़े सात बजे तक चार सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा-परिचर्चा की जा रही है।
सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से दिए गए शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आगामी वर्षों में संपूर्ण भारत वर्ष में संगठन को मजबूत बनाने, देश भर में संघ के लगने वाले संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण, शारीरिक, बौद्धिक निर्माण में प्रशिक्षण वर्ग का पाठ्यक्रमों की रूपरेखा को और बेहतर ढंग से कार्यान्वित करने पर चर्चा की गई।
इसके अलावा डा. मोहन भागवत के कश्मीरी विस्थापितों की वापसी संबंधी बिंदुओं पर रखे गए सुझाव पर भी विचार-विमर्स जारी रहा। इसके अतिरिक्त शिविर के विभिन्न चरणों में गोपनीय चिन्तन तथा चर्चा की गई।
गुरुवार को चिंतन शिविर में प्रमुख रूप से सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसवाले, सम्पर्क प्रमुख रामलाल, क्षेत्र संघचालक वत्रिराजन, क्षेत्र संघचालक जयंतीभाई, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय सह बौद्धिक शिक्षा प्रमुख सुनील भाई मेहता, अखिल भारतीय निमंत्रित सदस्य रविंद्र जोशी, श्याम कुमार, क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, प्रांत कार्यवाह जयप्रकाश, प्रांत कार्यवाह के रमेश, प्रचारक कौशल, अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षा प्रमुख स्वांत रंजन, निलेश सहायक, अतुल जोक संगठन मंत्री, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व्हीभागैय्या , सुरेश जोशी, सुरेश सोनी आदि ने पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया।