रक्षाबंधन पर खेली गई देवीधुरा की बगवाल
सदियों से चली आ रही बगवाल की परंपरा , मुख्यमंत्री धामी ने भी किया वाराही मां के दर्शन , पत्थरों की बगवाल में शामिल हुए सीएम धामी
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
चंपावत ,31अगस्त
विश्व प्रसिद्ध चंपावत के देवीधुरा में रक्षा बंधन का दिन काफी खास होता है बड़ी संख्या में लोग यहां की पत्थर मार होली को देखने आते हैं बीते सालो से हालांकि पत्थर मार होली के रूप को बदलकर फलों के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है , लेकिन मां बाराही को प्रसन्न करने के लिए पत्थर का प्रयोग किया जाता है ये परंपरा प्राचीन काल से ही देवीधुरा में चली आ रही है। अब खबर विस्तार से….
माँ बाराही धाम में खेले जाने वाली पत्थर मार बगवाल के आज सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत लाखों श्रद्धालु साक्षी बने। पूर्व में पत्थर से खेले जाने वाली यह बग्वाल 4 ख़ामो के बीच होती थी जिसे 2013 में उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद फलों और फूलों से खेला जाने लगा।
आज रक्षा बंधन के दिन अनादिकाल से खेली जा रही बग्वाल को स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने देखा।
4 ख़ामो 7 तोको के बीच खेले जाने वाली इस बग्वाल की मान्यता के अनुसार एक नर बली के बदले खेले जाने वाली बग्वाल माना जाता है।
7.30 मिनट तक चली बग्वाल को शंखनाद से शुरू किया जाता है माना जाता है कि एक नर का जितना खून जब माँ के इस प्रांगण में चढ़ता है तो बग्वाल रुक जाती है।
बग्वाल में हिस्सा लेने वाले रणबाँकुरे अपने को लगी चोट माँ बाराही का आशीर्वाद मानते है।
आज खेली गई इस बगवाल में तकरीबन 157 रणबाकुरों घायल हुए 3 को हायर सेन्टर में हड्डी की चोट के चलते रेफर किया गया जबकि अन्य को मामूली चोट आई। मुख्यमंत्री ने इस बगवाल का हिस्सा बनने पर खुद को सौभाग्यशाली बताया और साथ ही जल्द इन धार्मिक स्थलों को सरकार की मदद से इनके विस्तार की बात कही।