उत्तराखंडदेहरादूनराजनीतिलेटेस्ट कवरेज

हिमाचल की हार _पुष्कर फैक्टर उत्तराखंड में सत्ता वापसी का रास्ता

CM पुष्कर सिंह धामी का ग्राफ हिमाचल प्रदेश में BJP के सनसनीखेज अंदाज में हुई शिकस्त के बाद पार्टी के भीतर बहुत बढ़ा , उत्तराखंड में सत्ता में वापसी के पीछे पुष्कर की मेहनत और उनकी छवि ने किया कमाल

 

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून, उत्तराखंड और हिमाचल भौगोलिक एवं राजनीतिक परिदृश्य में काफी मिलते-जुलते हिमालय राज्य हैं , जहां उत्तराखंड की तरह ही कांग्रेस और बीजेपी का 5 ईयर टर्म चलता रहा है जो इस बार भी कायम रहा ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तराखंड में सत्ता कायम रखने में मोदी _शाह का निर्णय पुष्कर पर दाव खेलना कितना कारगर रहा, आइए हिमाचल की हार और उत्तराखंड की राजनीति परिदृश्य का एक विशेषण करते है।

CM पुष्कर सिंह धामी का ग्राफ हिमाचल प्रदेश में BJP के सनसनीखेज अंदाज में हुई शिकस्त के बाद पार्टी के भीतर बहुत बढ़ जाएगा, Modi Factor और उत्तराखंड से बेहतर हालात में होने के बावजूद पार्टी बगल के हिमालयी राज्य में सरकार बचाने में बुरी तरह नाकाम रही ,ये साफ़ हो गया कि उत्तराखंड में BJP की सत्ता में वापसी के पीछे वाकई पुष्कर की मेहनत और उनकी छवि ने बहुत अहम् भूमिका निभाई ।

 

हिमाचल में भी उत्तराखंड की तरह का रिवाज था. यानि, एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की सरकार आती रहती है. इस बार भी वहां यही हुआ. पूरी ताकत लगाने-मोदी-शाह की जोड़ी के जी-जान लगा देने और संघ की तमाम मेहनत के बावजूद BJP हिमाचल का दुर्ग ढहने से नहीं रोक पाई. कांग्रेस ने अपनी पारी खेलते हुए बीजेपी को धो डाला।

हकीकत ये है कि हिमाचल में BJP की दशा उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले के मुकाबले के वक्त के हालात से कहीं बेहतर थी.खुद बीजेपी वाले ये कहने से बाज नहीं आ रहे थे कि पार्टी को 10-12 से अधिक सीटें नहीं मिल पाएंगी.ये पुष्कर के CM बनने से पहले की बात है. पुष्कर ने रात-दिन एक कर के जो जान लगाईं और पार्टी को खड़ा किया, उस पर भी पार्टी के ही सूबेदारों को यकीन नहीं था ।

उत्तराखंड की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि चुनाव के तत्काल बाद खुद BJP के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक  का संदिग्ध Tweet सामने आया था ,इसमें कहा गया था कि पार्टी की हार के लिए पुष्कर सिंह धामी जिम्मेदार हैं , मदन ने पूछने पर इस tweet को फर्जी करार दिया था, लेकिन ये माना था कि ट्वीटर हैंडल उनका ही है  उनका Account हैक भी नहीं हुआ है , BJP भारी बहुमत से जीत गई, लेकिन पुष्कर को पार्टी के ही कई दिग्गजों ने मिल के साजिशन हरा दिया ।

उनको भय था कि फिर पार्टी सत्ता में आई तो पुष्कर ही CM बनेंगे. उनका राजनीतिक जीवन इससे बुरी तरह प्रभावित होगा. पुष्कर को चुनाव प्रचार के दौरान मोदी-शाह ने CM चेहरा घोषित किया हुआ था. दोनों ये भी जानते थे कि पार्टी के ही कुछ सिपहसालार पुष्कर को हराने में अधिक व्यस्त हैं.बजाय पार्टी को जितवाने में. उनको दंड देने के लिए ही खटीमा की लड़ाई हारने के बावजूद मोदी-शाह ने पुष्कर को फिर CM बना दिया ।

अभी भी पुष्कर के खिलाफ पार्टी के भीतर कुछ चेहरे राजनीति की उठा पटक में लगे हुए  हैं, जिसे पार्टी हाईकमान भी अच्छी तरह जानता है  सूत्रों की माने तो गुजरात-हिमाचल चुनाव निबट जाने के बाद इस मोर्चे पर आला कमान हिमाचल से सबक लेते हुए पार्टी के अंदर गुटबाजी फैलाने वालों को दर किनारे करना शुरू कर दे , पुष्कर की मेहनत को पार्टी की विजय से कुछ ओहदेदार दबे भाव से इनकार करते थे ।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

Related Articles

Back to top button
Translate »