चारा पत्ती विवाद पर महिला आयोग हरकत में
महिलाओं व किशोरियों से चारा - पत्ती छीनने के मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने लिया संज्ञान, डीएम से से रिपोर्ट तलब की
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , ग्राम पंचायत हेलंग गोपेश्वर (चमोली) के महिलाओं व किशोरियों से चारा – पत्ती छीनने के मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए डीएम चमोली से वार्ता की और पत्र भेज कर निर्देशित किया कि वह स्वयं पीड़िता से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर प्रकरण की जांच व कार्यवाही करें। उस मामले के अंतर्गत डीएम चमोली ने तत्काल रिपोर्ट भेजतें हुए अवगत कराया कि विगत माह समस्त ग्राम सभा ने ग्राम प्रधान एवं वन सरपंच के माध्यम से टीएचडीसी को एक अनुरोध पत्र भेजा था जिसमें गांव में कोई भी सार्वजनिक मैदान ना होने के लिए टीएचडीसी से गांव में एक खेल का मैदान बनाने हेतु अनुरोध किया गया था। ग्राम प्रधान द्वारा अवगत कराया गया था कि संपूर्ण क्षेत्र में छोटे बच्चों को खेलने, किशोरों को सेना भर्ती इत्यादि में ट्रेनिंग करने तथा किसी भी परिवार में शादी अथवा अन्य आयोजन होने की दशा में कोई भी बड़ा सार्वजनिक मैदान नहीं है।
इस प्रयोजन हेतु सरपंच द्वारा वन पंचायत हेलंग के मध्य राजस्व भूमि (Non ZA) श्रेणी 10(4) बंजर नाकाबिल आबाद ( पत्थर चट्टान इत्यादि), क्षेत्रफल 1.171hec को खेल के मैदान में बदलने हेतु प्रस्ताव दिया गया।
टीएचडीसी द्वारा अनुरोध पत्र को स्वीकार करते हुए नियमानुसार उप जिलाधिकारी जोशीमठ तथा उप वन संरक्षक जोशीमठ से अनापत्ति ली गई। संपूर्ण भूमि राजस्व भूमि होने के कारण तथा उक्त वर्णित भूमि में पातन की श्रेणी में आने वाले बहुत कम वृक्ष होने के कारण दोनों अनापत्ति विधिवत रूप से प्राप्त की गई।
उक्त भूमि से लगे हुए 2 परिवारों द्वारा समय-समय पर खेल के मैदान को बनाने का कार्य रोका गया। उक्त लोगों को उपजिलाधिकारी जोशीमठ द्वारा समय-समय पर बैठक कर जनहित में गांव के कार्य में सहयोग देने हेतु प्रेरित किया गया परंतु परिवारों द्वारा इस भूमि पर अवैध अतिक्रमण की मंशा से कार्य में बार-बार बाधा डाली गई।
ग्राम प्रधान हेलंग एवं वन सरपंच हेलंग द्वारा समस्त ग्राम सभा का शिकायती पत्र उप जिलाधिकारी जोशीमठ को प्रस्तुत किया गया कि इन व्यक्तियों द्वारा गांव के विकास हेतु बन रही खेल के मैदान की जमीन पर कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। तहसील प्रशासन एवं पुलिस की टीम द्वारा पूर्व में दो बार मौके पर जाकर उक्त परिवारों को समझा कर इस कार्य को शुरू करने हेतु अनुरोध किया गया जिसमें समस्त गांव के लोग एवं अन्य क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी प्रशासन की ओर से सम्मिलित रहे, परंतु 2 परिवारों के निजी स्वार्थ के कारण कार्य एक माह से नहीं हो पाया।
अंत में पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा कार्य शुरू करवाया गया है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस मामले में निर्देशित किया है कि किसी भी प्रकार से किसी भी महिला या किशोरी को प्रताड़ित या उनका उत्पीड़न न हो अन्यथा महिला आयोग सख्ती से कार्यवाही करेगा।