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खाई में गिरी बस में मां का आंचल बना सुरक्षा कवच

पौड़ी बस हादसे में 2 साल की मासूम दिव्यांशी के लिए बना मां का आंचल सुरक्षा कवच ,मां ने तोड़ा दम 11 घंटे बाद सुरक्षित मिली बच्ची

 

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

पौड़ी , एक ऐसी खबर जिसने मां की ममता को एक बार फिर से दुनिया के सामने अमर कर दिया, जो अपने प्राण तो बस हादसे में दे गई पर अपनी मासूम बच्ची को अपने सीने से चिपका कर एक ऐसा सुरक्षा कवच दे गई कि गहरी खाई और 11 घंटे का समय भी बच्ची का कुछ नही बिगाड़ पाया, जी हां हम बात कर रहे पौड़ी के उस बस हादसे की जिस में असमय ही कई लोग काल के गाल में समा गए और पल भर में खुशियां मातम में बदल गई।

बस खाई में गिरते ही मां की हुई मौत, 11 घंटे बाद आंचल में लिपटी बेटी मिली सुरक्षित

 

उत्तराखंड को झकझोर कर रख देने वाले जिस पौड़ी हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई है। 18 घायल है तो वहीं इसी हादसे में एक दो साल की मासूम सुरक्षित मिली है। हादसे में बच्ची मां को खो चुकी है। मृत मां के सीने से लिपटी मासूम 12 घंटे के बाद गहरी खाई से निकाली जा सकी है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है।

हरिद्वार से पौड़ी जा रही संदीप की बारात में उसके रिश्तेदार रसूलपुर कस्बे की गुड़िया देवी और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी। बताया जा रहा है कि जिस समय  बीरोंखाल के सिमड़ी के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। उसमें समय 2 साल की दिव्यांशी अपनी मां की गोद में ही थी। इतनी गहरी खाई में बस गिरने के बाद भी गुड़िया देवी ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया।
मां  की ममता ऐसी की वह अपनी बेटी को अंतिम समय में भी अपनी गोद में लिपटाए रही। हादसे में मां तो इस दुनिया को अलविदा कह गई है। लेकिन अपनी जान देकर बेटी को बचा गई है। करीब 11 घंटे दिव्यांशी अपनी मां की गोद में सुरक्षित रहकर नया जीवन पा गई। बताया कि हर कोई यह देखकर हैरान था कि बच्ची न केवल सही सलामत है और गोद से छिटककर भी कहीं और नहीं गिरी। वरना गोद से अलग होने पर भी उसके साथ कुछ हो सकता था।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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