शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के द्वार
मराठा बैंड की धुन पर चल विग्रह डोली रवाना, जयकारों के बीच बाबा केदारनाथ ने किया प्रस्थान,अब छह माह ओंकारेश्वर मंदिर में रहेंगे विराजमान रहेंगे बाबा केदार नाथ,
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
रुद्रप्रयाग, विश्व प्रसिद्ध चार धाम में से एक 11 वे ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं , मराठा रेजीमेंट के बैंड की धुन के साथ चल विग्रह डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई जो आज अपने प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी ।
भाई दूज के मौके पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8:30 बजे बंद किए गए। गुरुवार तड़के चार बजे से मुख्य पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना शुरू की गई। 29 अक्तूबर को डोली अपने शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।
अब केदारनाथ धाम में नर पूजा का समय समाप्त हुआ है और देव पूजा का समय शुरू हुआ है , भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली केदारनाथ से चलकर अपने प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि प्रवास करेगी भगवान केदारनाथ के तीन पहर की पूजा अर्चना व भोग के साथ विधि विधान सहित भगवान केदारनाथ के गर्भ गृह के कपाट सुबह 6:00 मिनट में बंद कर दी गए थे और ठीक 8:00 बजे सभा मंडप के कपाट और मुख्य कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए ।
अब 6 माह तक उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में बाबा केदारनाथ की चल विग्रह डोली के साथ पहुंचने पर पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी और पूरे शीतकाल के लिए बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर में होगी , कपाट खुलने पर एक बार फिर चल विग्रह डोली केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी और यहां पर फिर से नर पूजा शुरू हो जाएगी , इस बार बाबा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे जिससे सारे पिछले रिकॉर्ड भी टूट गए हैं और दिन प्रतिनिधि देश वदेश के लोगों की आस्था बाबा केदारनाथ पर बढ़ती जा रही है।