रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
दुखद
ऋषिकेश,19 सितंबर , बच्चों में अशहनशीलता की प्रवृत्ति बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है, जरा जरा सी बात पर नाराज होना और गुस्से में हदों को पार कर जाना आज हम समस्या होती जा रही है, इसके मूल में कहीं ना कहीं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स अहम भूमिका निभा रहे है, जिन्होंने बच्चों के मस्तिक पर गहरा प्रभाव डाला है और वह आत्मघाती कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटते , ताजा मामला ऋषिकेश के गंगानगर में हनुमंतपुरम कॉलोनी में रहने वाले परिवार के साथ गुजरा जिसका दुख इस परिवार को हमेशा ही सताता रहेगा , मशरूम की तरह उग गए स्कूलों को भी बच्चों की काउंसलिंग पर विशेष ध्यान देना होगा, पढ़ाई का बढ़ता बोझ और खेल कूद की कमी आने वाले पीढ़ी को मानसिक रूप से भी कमजोर बना रही है अब खबर विस्तार से….
पब्लिक स्कूल में कक्षा 8 में पढ़ने वाले 14 वर्षीय छात्र ने स्कूल से घर जाकर अपने कमरे में पंखे से लटक कर फांसी लगा ली। परिजन अपने बेटे को अचेत अवस्था में लेकर एम्स पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद छात्र को मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस ने पंचायत नामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। एम्स चौकी प्रभारी मनवर सिंह नेगी ने बताया कि छात्र गंगानगर हनुमंतपुरम का रहने वाला है, स्कूल से छुट्टी होने के बाद वह अपने घर पहुंचा। जिसके बाद उसने ट्यूशन जाने से मना कर दिया और वह टीवी देखने लगा। इस दौरान पिता ने टीवी बंद कर ट्यूशन जाने के लिए कहा। जिससे नाराज होकर छात्र अपने कमरे में चला गया। कुछ देर तक जब कमरे से कोई आवाज नहीं आने पर परिजन कमरे में पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। रोशनदान से झांक कर देखा तो बेटा पंखे से लटका हुआ दिखाई दिया