राजऋषि बी के मोदी ने शंकराचार्य के निर्देश पर विश्वभर के हिंदुओं को एक मंच पर लाने के अभियान से उत्तराखंड को भी जोड़ा _ भारत का विश्व गुरु बनने की ओर एक कदम
राजा ऋषि डॉ. बी.के. मोदी ने सरदार डी.एस. मान को “हिंदू राजा” की उपाधि से सम्मानित किया

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश, भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए, राजा ऋषि डॉ. भूपेंद्र कुमार मोदी ने दून इंटरनेशनल स्कूल ग्रुप के चेयरमैन सरदार डी.एस. मान को उनके सामाजिक, शैक्षिक और धार्मिक योगदान को देखते हुए “हिंदू राजा” की उपाधि से सम्मानित किया।
डॉ. मोदी ने कहा कि “भारत को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए, हमें ‘वेदांत’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ और ‘सनातन धर्म’ की भावना को वैश्विक स्तर पर पुनः स्थापित करना होगा।”
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि:“इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए, विश्वभर में 75 वर्ष से अधिक आयु के, धर्म प्रचार में योगदान देने वाले और आर्थिक रूप से समर्थ 500 व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, जिन्हें ‘हिंदू राजा’ की उपाधि देकर एक वैश्विक धर्म रक्षक अभियान चलाया जाएगा।”
यह राजा ऋषि अभियान न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीकी देशों में भी फैला है, जिसका लक्ष्य है —
🔸 भारत की आध्यात्मिक धरोहर का प्रसार
🔸 वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का नेतृत्व
🔸 वैश्विक हिंदू समाज का एकीकरण
🔸 सनातन धर्म का पुनर्जागरण
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सम्मान ग्रहण करते हुए सरदार डी.एस. मान का भावुक संबोधन सम्मान प्राप्त करने के बाद सरदार डी.एस. मान ने राजा ऋषि डॉ. मोदी व समस्त हिंदू समाज का आभार व्यक्त करते हुए सिख समुदाय के ऐतिहासिक योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा “धर्म की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वो इतिहास के पन्नों में नहीं, भारत की आत्मा में अंकित है।”
“जब भी भारत के धर्म और संस्कृति पर संकट आया, तब सिख समुदाय ने आगे बढ़कर उसकी रक्षा की।
गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान, गुरु गोबिंद सिंह जी का संकल्प, और उनके चारों साहिबज़ादों की शहादत, यह सभी उदाहरण हैं कि ‘सर कट जाए, लेकिन धर्म ना कटे!’”
उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह, हरि सिंह नलवा और बंदा सिंह बहादुर जैसे वीर योद्धाओं को भी याद करते हुए कहा:
“भारत को अगर वसुधैव कुटुम्बकम् बनाना है, तो हमें उन वीरों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने इसके लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।”
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📌 मुख्य बिंदु:
• “हिंदू राजा” की उपाधि वैश्विक स्तर पर 500 ऐसे धर्मरक्षकों को दी जाएगी।
• भारत को “वेदांत आधारित विश्वगुरु” के रूप में पुनर्स्थापित करने का अभियान।
• “वसुधैव कुटुम्बकम्” और “विकास आधारित धर्म रक्षण” की अवधारणा को विश्वभर में प्रचारित करना।
• राजा ऋषि डॉ. बी.के. मोदी के नेतृत्व में धर्म, संस्कृति और अर्थनीति का संगम
कार्यक्रम का सफल आयोजन पंकज भट्ट व कार्यक्रम का संचालन डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी जी ने किया कार्यक्रम में राज्यमंत्री सुरेन्द्र मोघा नगर निगम मेयर संभू पासवान पूर्व मेयर अनिता ममगाई जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष कविता शाह बीजेपी मंडल के पूर्व अध्यक्ष दिनेश सती विकाश तेबतिया डॉ मधुर उनियाल जसविन्द राणा राकेश नेगी विजय बिष्ट राजीव तिवारी राजेश द्विवेदी सचिन बेनवाल सहित कई लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया