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पुष्कर सिंह धामी हैं, उत्तराखंड के विकास पुरुष, पटरी पर लौटा पर्यटन उद्योग

2022 में अपने कार्यकाल को संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड विकास को दी गति, उत्तराखंड में हर सेक्टर में दिखने लगा धामी फैक्टर

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून,  उत्तराखंड में अभी तक पर्यटन क्षेत्र में विकास की अवधारणाएं धीरे-धीरे परवान चल रही थी , आवश्यकता थी तो एक ऐसे मुख्यमंत्री की जो अपनी दूर दृष्टि से पर्यटन के रास्ते में आने वाली सारी रुकावटों को दूर करके केंद्र से समय समय पर उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार से प्रोजेक्ट और पैसा ला सके।   ऐसे में अपने छोटे से कार्यकाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी विकास का प्रतीक बन गये हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले उत्तराखंड को सियासी तौर पर एक अस्थिर राज्य माना जाता था। इसकी वजह भी थी। राज्य गठन के बाद प्रदेश में एनडी तिवारी को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। जिसके चलते बीते 22 साल के भीतर सीएम धामी से पहले उत्तराखंड को 10 मुख्यमंत्री मिल चुके थे। लेकिन बीते साल जब 45 साल के युवा पुष्कर सिंह धामी के हाथों में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश की कमान दी तो उन्होंने अपने नेतृत्व क्षमता से सभी को चकित कर दिया।

ये सभी जानते हैं कि जिस वक्त पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा गया था। उस वक्त उत्तराखंड में बीजेपी की हालत बहुत खराब थी। लेकिन अपने 6 महीने के कार्यकाल में पुष्कर सिंह धामी ने न केवल प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साधा, बल्कि प्रदेश की जनता के मन को भी जीत लिया। और जब चुनाव हुए तो उन्होंने मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाया । जिससे प्रदेश में उन्हें दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल हुआ। हालांकि प्रदेश में भागदौड़ करने का उन्हें निजी तौर पर नुकसान हुआ। वो खटीमा से चुनाव हार गये। लेकिन वो प्रदेश की जनता का मन जीत चुके थे। प्रदेश में एक बार फिर लगने लगा था कि प्रदेश को शायद एक और मुख्यमंत्री मिलेगा। तब प्रदेश के लोगों की सांसे अटक गई थी। उन दिनों देहरादून के सीएम आवाज में जिस तरह से प्रदेश के कोने-कोने से टूटकर लोग पहुंच रहे थे। उससे देश के करिश्माई नेता और करोड़ों लोगों के दिलों में राज करने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पहाड़ के लोगों के मन को भांप गये। उन्होंने प्रदेश की जनता के चहेते पुष्कर सिंह धामी को फिर से प्रदेश की बागडोर थमा दी। ये पुष्कर सिंह धामी के विरोधियों के मुंह पर बड़ा तमाचा था।
पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश की जनता और बीजेपी के आलाकमान से आशीर्वाद मिल चुका था। लिहाजा उन्होंने खुलकर खेलना शुरु किया। उन्होंने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साफ संदेश दिया कि अब प्रदेश में काम करने का वक्त है। और जो काम नहीं करेगा। वो नहीं टिक पायेगा। संदेश साफ था। लिहाजा प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी आई।
पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में आम चुनाव के बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 23 मार्च 2022 को शपथ ली थी। उस वक्त चुनौतियां भी काफी थी। चारधाम यात्रा शुरु होने वाली थी। कोविड के बाद चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखाई दे रहा था। सीएम धामी ने यात्रा को सफल बनाने के लिए खुद मोर्चा संभाला। तीर्थ यात्रियों को परेशानी नहीं हो उसके लिए जरुरी प्रबंध किये गये। डॉक्टरों की टीम तैनात की गई। साफ पानी का प्रबंध किया गया। होटल-सरायों में तीर्थयात्रियों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभियान की तरह कार्य किया गया। जिसका नतीजा भी अच्छा निकला। इस साल अब तक करीब 46 लाख तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिला है। जो आंकड़ा सामने आ रहा है उसके मुताबिक केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में अब तक घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी और हेली सेवा ने करीब 211 करोड़ का कारोबार किया। अनुमान है कि यात्रा से अब तक गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी करीब 50 करोड़ रुपए कमाये हैं। वहीं केदारनाथ यात्रा से स्थानीय कारोबारियों ने भी अच्छा मुनाफा कमाया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बाबा केदारनाथ में बड़ी आस्था है। इसबार जब 21 अक्टूबर को पीएम मोदी केदारनाथ आये तो उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे 5 फीसदी खर्च स्थानीय उत्पादों पर करें। वहीं उन्होंने इस बार गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंद घाट- हेमकुंड रोपवे का भी शिलान्यास किया। ये कार्य तभी संभव हो पा रहे हैं। जब प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी कुशल नेतृत्व दे पाने में सक्षम हो पा रहे हैं।
ये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व क्षमता का ही नतीजा है कि इस बार उन्होंने पर्यटकों को लुभाने के लिए जो कारगर कदम उठाये वो सफल साबित हुए। दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बनाई। जिससे प्रदेश में महज 6 माह के भीतर ही लाखों की तादाद में सैलानी पहुंच चुके हैं। अकेल नैनीताल जिले में बीते साल जहां 3 लाख 26 हजार सैलानी आये। वहीं इस साल अब तक 3 लाख 96 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं।
प्रदेश में पर्यटकों को बेहतर सुविधायें मिलने से कॉर्बेट पार्क भी गुलजार रहा। कॉर्बेट पार्क से मिले आंकड़े के मुताबिक वहां बीते 6 माह यानि अप्रैल के बाद से अबतक करीब 1 लाख 60 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं । जिसमें 439 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं। सैलानियों के उत्साह को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने इस बार गर्जिया जोन भी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। वहीं राजाजी पार्क में इस साल अब तक करीब 50 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। असल में पुष्कर सिंह धामी ने जब से राज्य की कमान संभाली है। तब से वे लगातार सड़कों के रख रखाव पर जोर दे रहे हैं। जिससे प्रदेश की सड़कें बेहतर हो चुकी हैं। इससे पर्यटन कारोबार को भी मदद मिल रही है। सड़कें अच्छी होने से सैलानी उत्तराखंड में बार-बार आ रहा है। वहीं मुख्यमंत्री धामी, उत्तराखंड में अवस्थापना विकास पर भी लगातार जोर दे रहे हैं। जिससे प्रदेश के गांव-गांव तक सड़कें पहुंच रही हैं। वहीं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग भी तैयार किये जा रहे हैं। वहीं राज्य में दूसरे क्षेत्रों में भी कार्य हो रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रदेश में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। जो अब धीरे-धीरे सभी की नजर में आने लगे हैं। वहीं प्रदेश को एक पुष्कर धामी के रूप में नया विकास पुरुष भी मिल गया है।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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