केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया टिहरी बांध का निरीक्षण
टीएचडीसी के कार्यों की सराहना,निर्माणाधीन पीएसपी (पम्प स्टोरेज प्लांट) परियोजना की प्रगति
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
टिहरी , केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड के सबसे बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट टिहरी बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माणाधीन पीएसपी (पम्प स्टोरेज प्लांट) परियोजना की प्रगति जानी। कहा कि राष्ट्र को उर्जा और जल, सिंचाई के क्षेत्र में देश के लिए टिहरी बांध का महत्वपूर्ण योगदान है।
पीएसपी बनने से टिहरी बांध अपनी सम्पूर्ण क्षमता 2400 मेगावाट विधुत उत्पाद शुरू कर देगा। टीएचडीसी ने सीएमडी आरके विश्नोई, निदेशक (तकनीक) भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह, अधिशासी निदेशक टिहरी परियोजना एलपी जोशी ने बताया कि पीएसपी प्रोजेक्ट के सिविल कार्य लगभग पूरे हो गए हैं।
परियोजना की पहली दो यूनिट (250*2=500 मेगावाट) की कमीशनिंग अगस्त माह में होने की संभावना है। 1000 मेगावाट की पीएसपी परियोजना देश के पहली परियोजना है जो पानी को रिवर्स कर विद्युत उत्पादन करेगी।
विद्युत मंत्रालय के प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल के साथ मंत्री श्री मनोहर लाल का टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई, निदेशक (कार्मिक) श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेन्द्र गुप्ता और टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) में चल रही निर्माण गतिविधियों का निरीक्षण किया। जो टीएचडीसीआईएल की एक प्रमुख परियोजना है। साथ ही जो भारत में अक्षय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। मंत्री श्री मनोहर लाल ने बटरफ्लाई वाल्व चैंबर, मशीन हॉल और टिहरी पीएसपी के आउटफॉल सहित कई प्रमुख कार्य क्षेत्रों का विस्तृत निरीक्षण किया और नदी संयोजन कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। मंत्री श्री मनोहर लाल ने टीएचडीसी टीम की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और 2400 मेगावाट के टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स के विकास में उनके द्वारा स्थापित उच्च मानकों की सराहना की। साथ ही कहा कि किस प्रकार टीएचडीसीआईएल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2047 तक विकसित भारत के विजन के साथ आगे बढ़ी रही है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध टीएचडीसीआईएल के लिए एक उल्लेखनीय माइलस्टोन है, जो ऐसे समय में पूरा हुआ जब इस तरह के विशाल बांध का विचार लगभग अकल्पनीय लगता था। टिहरी बांध का विकास किसी चमत्कार से कम नहीं है और अपने आप में एक इंजीनियरिंग मारवेल है।