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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में मौन पालन काश्तकारों की आर्थिकी का मजबूत आधार बना शहद उत्पादन

प्रदेशीय मौन परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष गिरीश डोभाल ने काश्तकारों और युवाओं का आव्हान करते हुए उत्तराखंड को हनी स्टेट के रूप में विकसित करने के लिए आगे आने को कहा

रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल

गोपेश्वर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में मौन पालनकाश्तकारों की आर्थिकी का मजबूत आधार बनने लगा है। मौन पालन कर काश्तकार कम लागत से अपनी आय बढ़ा रहे है। चमोली जिले में सरकार की ओर से संचालित मौन पालन योजना के तहत 505 काश्तकार मधुमक्खी पालन कर शहद का उत्पादन कर रहे हैं।

प्रदेशीय मौन परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष गिरीश डोभाल ने काश्तकारों और युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि उत्तराखंड के ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में युवाओं और किसानों के लिए लगातार कई योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं, जिसमें हाउस ऑफ हिमालयाज के बेस्ट प्रोडेक्ट है,जिसे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी बखूबी अंजाम दे रहे है आउट लेट स्टोर खोल कर इसकी वैश्विक पहचान बना रहे है, ऐसे में उत्तराखंड मौन परिषद राज्य के युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग दे कर उत्तराखंड को हनी स्टेट के रूप में विकसित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट से राज्य में कई मधु ग्राम स्थापित करने जा रहे है, चमोली जिले की यह उपलब्धि राज्य में कई गांवों तक पहुंच कर पलायन पर रोक लगाएगी और नए रोजगार का सर्जन करेगी, जिसके लिए चमोली जिले के सभी काश्तकार और विभागीय टीम बधाई के पात्र है ।

उद्यान विभाग चमोली के अधिकारी योगेश भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से काश्तकारों की आय बढ़ाने की मंशा से मौन पालन योजना का संचालन कर रही है। इसके तहत सरकार की ओर से 40 प्रतिशत राजकीय सहायता पर मौन कॉलोनी (बॉक्स) उपलब्ध करवा रही हैं। योजना में आवेदन करने वाले काश्तकारों को मधुमक्खी पालन का सात दिवसीय प्रशिक्षण देने और 1050 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की ओर से चमोली जनपद के 505 काश्तकारों के साथ मौन पालन किया जा रहा है। काश्तकारों ने मधुमक्खी पालन कर वर्तमान में करीब 249.48 कुंतल शहद का उत्पादन किया है। इसका विपणन कर काश्तकार 1200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विपणन कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

गोपेश्वर निवासी रोहितास पुरोहित का कहना है कि वर्ष 2023 में एक मौन कॉलोनी (बॉक्स) के साथ काम शुरु किया था। इसके बाद उद्यान विभाग की ओर से मिले प्रशिक्षण के साथ वर्तमान में 25 मौन कॉलोनियों (बॉक्स) के साथ काम कर रहा हूं। मौन पालन कम मेहनत में बेहतर आय देने वाला कार्य है। इसे व्यवसायिक स्तर पर करने पर विपणन की भी कोई परेशानी नहीं है। खुले बाजार में शहद 1200 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर आसानी से बिक रहा है।

बैरागना गांव निवासी वीरेंद्र सिंह और टंगसा गांव निवासी प्रमेंद्र सिंह का कहना है कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण के बाद स्वयं देखरेख कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। जिसे युवा घर पर ही अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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