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संयुक्त रोटेशन की मांग निजी वाहनों पर लगे रोक
चार धाम यात्रा पर अन्य राज्यों से आ रहे निजी वाहन बने मुसीबत , संयुक्त रोटेशन की मांग सरकार लगाए इन पर पर्यावरण टैक्स
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश_ उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का स्वरूप धीरे-धीरे बदलता जा रहा है धार्मिक पर्यटन की जगह बद्री केदार युवाओं के लिए पर्यटन डेस्टिनेशन बनता जा रहा है जिसके चलते यात्रा मार्गों पर अत्यधिक ट्रैफिक का दबाव देखा जा रहा है और इसका खामियाजा यात्रा संचालन में लगे वाहनों को भुगतना पड़ रहा है संयुक्त रोटेशन की मांग है कि सरकार निजी वाहन में आने वाले पर्यटकों पर पर्यावरण टेक्स्ट लगाए और इन को रेगुलेट करने के नियम बनाएं, क्योंकि यात्रा संचालन में लगे वाहनों को जाम की वजह से अपने स्थान पर पहुंचने में एक और दे दो दिन का समय लग रहा है जिससे यात्रियों के साथ-सथ वाहन स्वामियों को भी परेशानी हो रही हैं
संयुक्त रोटेशन के अध्यक्ष संजय शास्त्री का कहना है कि सरकार जल्दी चार धाम यात्रा को महाकुंभ की तरह मेला घोषित करें और साथ ही यात्रा को रेगुलेट करने के लिए ठोस कदम उठाएं , सरकार को चार धाम यात्रा को हल्के में ना ले कर इसके लिए साल भर के अंदर नीति निर्धारण पर मंथन करना चाहिए क्योंकि यहां की आजीविका का मुख्य साधन चार धाम यात्रा पर डिपेंड करता है।
6 माह के लिए चलने वाली इस यात्रा को सरकार पूरे मनोयोग से अगर संचालित करें तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में व्यापार और पर्यटन तेजी से गति पकड़ेगा , और इसके साथ-साथ धार्मिक और टूरिस्ट पर्यटन को कैट्राइस करके अलग-अलग डेस्टिनेशन तैयार किए जाए