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एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ दो दिवसीय कोक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव – देश-विदेश के चिकित्सा विशेषज्ञ कर रहे प्रतिभाग  

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवाओं पर किया मंथन

– मूल्य आधारित स्वास्थ्य देखभाल के लिए साक्ष्यों का विश्लेषण जरूरी

– स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवाओं पर किया मंथन

– एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ दो दिवसीय कोक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव

– देश-विदेश के चिकित्सा विशेषज्ञ कर रहे प्रतिभाग


एम्स ऋषिकेश  –साक्ष्य संश्लेषण से लेकर साक्ष्य निर्माण और प्रसार के प्रोटोकॉल सीखने के साथ एम्स ऋषिकेश में शनिवार को तीसरा कोक्रेन इंडिया काॅन्क्लेव शुरू हो गया। मूल्य आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस काॅन्क्लेव में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा विशेषज्ञ और शोधकर्ता विभिन्न कार्यशालाओं में प्रतिभाग कर चिकित्सा प्रणाली को मजबूत करने पर मंथन करेंगे।

 

भारत में साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए काॅन्क्लेव के पहले दिन चिकित्सा विशेषज्ञों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों को बढ़ाने और देश भर में स्वास्थ्य सेवा परिणामों में सुधार करने के लिए आवश्यक चर्चा कर व्यापक मंथन किया। आयोजन का उद्घाटन कोक्रेन इंडिया कॉन्क्लेव की सह-अध्यक्ष और एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और कोक्रेन इंडिया नेटवर्क की सह-अध्यक्ष डॉ. अंजू सिन्हा द्वारा विभिन्न विशिष्ट अतिथियों के साथ संयुक्त रूप से किया गया।

 

इस अवसर पर प्रो. मीनू सिंह ने मेटा-विश्लेषण के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने, अध्ययन की गुणवत्ता और पूर्वाग्रह के जोखिम का आंकलन करने, मेटा-विश्लेषणात्मक मॉडल की व्याख्या करने और नैदानिक परीक्षण की सटीकता का गंभीर रूप से मूल्यांकन करने आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने कार्यशाला को स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के लिए बेहतर ढंग से समझने में मददगार बताया। कहा कि इस आयोजन में प्रतिभागियों को जानकारी व साक्ष्य मूल्यांकन करने के लिए उपकरण भी प्रदान किए जायेंगे। इससे उन्हें स्वास्थ्य व उपचार में निर्णय लेना आसान होगा। कार्यक्रम के आयोजन सचिव और संस्थान के सीनियर लाईब्रेरियन संदीप कुमार सिंह ने कहा कि अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य कर रहे नए विशेषज्ञों के सामने कई प्रकार की चुनौतियां आती हैं। इस परेशानी को देखते हुए कार्यशाला को सुलभ और व्यवहारिक बनाया गया है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को शोध प्रश्न तैयार करने, साहित्य की गहन खोज करने और डेटा की गुणवत्ता का आंकलन करने का अवसर प्राप्त होगा। नई खोज करने में अनुसंधानकर्ताओं को इसका अनुभव लाभदायक होगा।

 

बतादें कि कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में व्यावहारिक कौशल और ज्ञान से सशक्त बनाना है। काॅन्क्लेव को देश की स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कार्यशाला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच नेटवर्किंग और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान रहा है। सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न कार्यशालाओं में कोक्रेन प्रोटोकॉल के विकास, व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण जैसे आवश्यक विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही उन्नत चिकित्सा डेटाबेस खोज तकनीकों पर भी मंथन किया गया। प्रतिभागियों ने डेटा प्रबंधन, साक्ष्य और अंतर मानचित्रों के निर्माण और नैदानिक परीक्षण सटीकता की व्यवस्थित समीक्षा में अनुभव प्राप्त किए।

 

कोक्रेन प्रोटोकॉल का निर्माण, व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण और उन्नत डेटाबेस खोज तकनीक आदि विषयों पर खोज की गयी। जबकि पीजीआईएमईआर चंडीगगढ़ से आईसीएमआर एडवांस्ड सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड चाइल्ड हेल्थ के फेकल्टी सदस्यों ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आंकलन और दिशा-निर्देश विकास पर विभिन्न सत्रों का नेतृत्व किया। सम्मेलन में यूएसए से डॉ. पैट्रिक स्टोवर और डॉ. अमांडा मैक फरलेन, यूनाइटेड किंगडम से डॉ. निशांत जायसवाल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।

 

काॅन्क्लेव में कोक्रेन इंडिया नेटवर्क की को-चेयरपर्सन एवं एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और आईसीएमआर एफिलेट सेंटर की निदेशक एवं कोकरेन इन्डिया नेटवर्क की को-चेयरपर्सन डाॅ. अन्जू सिंन्हा, एम्स दिल्ली सेंटर के निदेशक डाॅ. सुमित मल्होत्रा, सीएमसी वैलोर सेंटर के निदेशक प्रो. मोहन एस. कामथ, प्राशो हैदराबाद सेंटर के निदेशक डाॅ. जी.वी.एस मूर्थि, आईडीएस भुवनेश्वर सेंटर की निदेशक डाॅ. नीता मोहन्ती, केजीएमयू लखनऊ सेंटर के निदेशक डाॅ. बालेन्द्र प्रताप सिंह, एम.ए.एच.ए मणिपाल सिक्किम सेंटर के निदेशक डाॅ. रविन्द्र प्रभु ए. और टी.एम.सी मुम्बई सेंटर के निदेशक डाॅ. तेजपाल गुप्ता के अलावा एम्स ऋषिकेश की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. शालिनी राव, डाॅ. वन्दना धींगरा, डाॅ. श्रीलोय मोहन्ती और काॅन्क्लेव के आयोजन सचिव व संस्थान के जन संपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह सहित देश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों, मेडिकल काॅलेजों और अनुसंधान संस्थानों के 250 से अधिक प्रतिभागी शामिल थे। आयोजन में संस्थान के विभिन्न विभागों के फेकल्टी सदस्य, समन्वयक, हेल्थ केयर वर्कस और यूजी तथा पीजी के छात्र- छात्राओं का योगदान रहा।

 

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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