उत्तराखंड में हैली सेवा से उड़ान
चार धाम यात्रा होगी सुगम ,उत्तराखंड में जल्द ही हैली सेवा से उड़ान भरेंगे पर्यटक और तीर्थ यात्री
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , उत्तराखंड को करीब से देखने के लिए बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक यहां का रूख करते हैं , लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते हैं, उत्तराखंड में समय ज्यादा लगता है ऐसे में उत्तराखंड में हेली सेवा की शुरुआत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रदेश में पर्यटन और तीर्थथाटन को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ हेली सेवाओं के विस्तार पर भी काम कर रही है जिसके लिए यूकाड़ा ने हजार वर्ग मीटर भूमि पर हेलीपैड बनाने के प्रस्ताव मांगे हैं और जल्द ही 18 नए हेलीपैड बनाने का काम शुरू होने जा रहा है।
गौरतलाप है कि यह कोटा की ओर से जारी सूचना के अनुसार उत्तराखंड प्राइवेट हेलीपैड और हेलीपोर्ट पॉलिसी 2023 के तहत निजी भूमि पर भी हेलीपैड बनाई जा सकते हैं हेलीपैड के लिए कम से कम 100 वर्ग मीटर भूमि चाहिए जिसकी लंबाई और चौड़ाई कम से कम 30 _30 मी हो , जिसके लिए यूकड़ा ने प्रस्ताव भी मांगे हैं , जो व्यक्ति आवेदन करने के इच्छुक हैं उन व्यक्तियों को उसे भूमि के स्वामित्व होने का प्रमाण भी देना होगा , उत्तराखंड सरकार द्वारा 18 चिन्हित स्थानों पर भूमि मिलने के बाद हेलीपैड का काम शुरू होगा ।
एक नजर चिन्हित टूरिस्ट स्पॉट पर….
रुद्रप्रयाग , नैनीताल , देहरादून, बागेश्वर, चंपावत, उधम सिंह नगर, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, चमोली
इन स्थानों पर 18 हेलीपैड बनाए जाने की योजनाएं हैं जिसके लिए सरकार निजी भूमि स्वामियों को आकर्षित कर रही है और दो विकल्प यूकडा ने दिए है, पहला विकल्प भू स्वामी जमीन को 15 साल के लिए यूकाडा को लीज पर दे सकता है इसके एवज में यूकाडा डीजीसीए के नियमो के तहत हेलीपेड विकसित करेगा, और प्रतिवर्ष 100 रुपए वर्ग मीटर के हिसाब से किराया देगा।
अगर खुद हेलीपैड बनाने के लिए आवेदन आता है तो हेलीपैड के खर्चे का 50 प्रतिशत सरकार सब्सिडी देगी साथ ही डीजीसीए से लाइसेंस लेने के बाद हेलीपेड का इस्तेमाल करने वाले से शुल्क लेगी।