हवा में उड़कर 15 मिनट में यम्केश्वर पहुंची दवा
ऋषिकेश एम्स से उड़ान भरकर ड्रोन पहुंचा 1 किलो दवाइयां लेकर जुडडा गांव , 26 किलोमीटर की दूरी मात्र 15 मिनट में करी पूरी
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश ,उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं पहाड़ पर पहुंचाना सरकार के लिए चुनौती था ऋषिकेश एम्स ने पहाड़ों पर मेडिकल फैसिलिटी पहुंचाने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है जिसका दूसरा ट्रायल जुडडा गांव यमकेशवर और ऋषिकेश के बीच में किया गया , अब खबर विस्तार से…….
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं पहाड़ पर पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण काम जिसके लिए अब ड्रोन तकनीक वरदान बनकर सामने आ रही है एम्स के निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि ऋषिकेश एम्स देश के सभी आयुर्विज्ञान संस्थान में पहला ऐसा सेंटर बनने जा रहा है जो मेडिकल सुविधाओं को पहाड़ पर ड्रोन के द्वारा पहुंचएगा जिसकी शुरुआत ऋषिकेश से हो गई है ,
ऋषिकेश एम्स में ड्रोन सेवा के नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र गैरोला का कहना है कि उत्तराखंड जैसे हिमालय राज्य में सड़कों से मेडिकल सेवा पहुंचाना बड़ा मुश्किल काम हो गया है अब नई तकनीक के द्वारा कुछ ही समय में दवा ,ब्लड, मेडिकल फैसिलिटी, रिपोर्ट्स का आदान-पदान बहुत ही कम समय में किया जा सकता है , जिसकी शुरुआत आज हम ऋषिकेश से करने जा रहे हैं। इसमें हमें NHSRC की टीम टेक ईगल इनोवेशन कंपनी का सहयोग मिल रहा है।
डॉ जितेंद्र गैरोला ने बताया कि ऋषिकेश ऐम्स से ड्रोन के माध्यम से 15 मिनट में यम्केश्वर ब्लॉक के जुड़डा गांव में टीवी के दवाइयां पहुंचाई गई , जिसे यम्केश्वर ब्लॉक के चिकित्सा प्रभारी डॉ राजीव कुमार ने रिसीव करते हुए 1 किलोग्राम वजन की दवाइयां अपने क्षेत्र के लिए प्राप्त करी
जल्द ही ऋषिकेश AIIMS से हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा की भी शुरुआत होने जा रही है जिसके तैयारियां अंतिम चरण पर है