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उत्तराखंड में उठने लगी वायरोलॉजी लैब की मांग

पीएम मोदी ने देश में चार जोन में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने की बात कही नॉर्थ जोन के लिए उत्तराखंड ने की दावेदारी

 

रिपोर्ट कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश 11 फरवरी। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाए जाने एवं विश्वस्तरीय शोध हेतु भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान नेशनल इंस्टीट्ययूट ऑफ वायरोलॉजी एवं एकीकृत परिषद ( इंटीग्रेटेड काउंसिल) को उत्तराखंड में भी स्थापित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी मन की बात में इसका जिक्र किया है। उत्तराखंड की राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने राज्यसभा में भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया।
ऋषिकेश एम्स के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी सहित राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों से पत्राचार कर  इंटीग्रेटेड कांउसिल ओर संस्थान को स्थापित करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्हें अवगत कराया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाए जाने और विश्वस्तरीय शोध हेतु उत्तराखण्ड में इंटीग्रेटेड कांउसिल स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया इस सम्बन्ध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) का एक क्षेत्रीय परिषद गठन किया जा सकता है।
डॉ0 गैरोला ने मुख्यमन्त्री धामी के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के बावत चर्चा करते हुए उत्तराखण्ड में आईसीएमआर के अस्तित्व और राज्य हित में इसके महत्व को बारीकी से समझाया।उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से जोनल स्तर पर ( उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) क्षेत्रों में 4 अलग-अलग स्थानों पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी स्थापित किए जाने हैं। इस योजना का उद्देश्य भविष्य में समय-समय पर सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चलते तेजी से फैलने वाली कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त राज्य में इस संस्थान की स्थापना हो जाने से नई एंटी वायरल दवाइयों पर शोध, डायग्नोस्टिक किट एवं वैक्सीन भी व्यापक स्तर पर बनाई जा सकेगी।राज्य सभा सांसद डॉ0 कल्पना सैनी भी इस मुद्दे को राज्य सभा में उठा चुकी हैं।
उन्होने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण, पूर्व मुख़्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व केन्द्रीय मन्त्री और हरिद्वार सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल एवं रायपुर विधायक उमेश काऊ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुए उनके समक्ष भी इस मांग को रखा।
डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने इस बारे में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की कोई भी इकाई अभी तक उत्तराखण्ड में स्थापति नहीं की गयी है। लिहाजा उत्तरी क्षेत्र के राज्यों में संक्रमण रोगों की निरंतर निगरानी के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी) उत्तराखंड में स्थापित किया जाए। इसकी स्थापना से संक्रामक रोगों के निदान में उत्तराखंड राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एकीकृत परिषद ( इंटीग्रेटेड काउंसिल) स्थापित होनी चाहिए।
उन्होंन कहा कि एकीकृत परिषद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में शोध हेतु एक राज्यस्तरीय मल्टी-सेक्टोरल मॉडल बनाया जा सकता है। इससे वैकल्पिक चिकित्सा (इंटीग्रेटेड मेडिसिन ) को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यह समग्र रणनीति राज्य में स्वास्थ्य देखभाल और नवाचारों में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कई विषयों को एक साथ लाने में सफल होगी। गौरतलब है कि डॉ. जितेन्द्र गैरोला की हाल ही में ’राष्ट्रीय एकीकरण एवं वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता’ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक में उन्होंने वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और कोरोना महामारी से सीख जैसे मुद्दों को बड़ी गंभीरता से उठाया है।
बताते चलें ऋषिकेश एम्स के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर जितेंद्र गैरोला लगातार सरकार से उत्तराखंड की पैरवी कर रहे हैं जिसमें केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही साइड निरीक्षण की बात कही गई है अगर सब ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में वायरोलॉजी लैब स्थापित होने के बाद शोध शुरू हो जाएंगे

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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