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बिना किसी संकोच के मां पीला पाएंगे ऋषिकेश एम्स में अपने बच्चों को दूध

खुले ब्रेस्टफीडिंग बूथ, मातृत्व और शिशु कल्याण को मिलेगा बढ़ावा

– माताओं के लिए शिशु स्तनपान कक्ष स्थापित
– अस्पताल में 3 अलग-अलग स्थानों पर मिलेगी नयी सुविधा
– मातृत्व और शिशु कल्याण को मिलेगा बढ़ावा

एम्स, ऋषिकेश
मातृत्व और शिशु कल्याण स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एम्स ऋषिकेश ने शिशु स्तनपान कक्ष स्थापित कर अस्पताल सुविधाओं के क्षेत्र में एक नया कदम उठाया है। इस नयी पहल से महिलाओं को न केवल अपने बच्चे को दूध पिलाने में सुविधा प्राप्त होगी अपितु अस्पताल का यह प्रयास नवजात शिशुओं के कल्याण में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

नवजात शिुशओं की उचित देखभाल और उनका पोषण सुनिश्चित करना स्वयं में एक बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिक प्रमाणिकता के अनुसार माँ का दूध नवजात शिशुओं के लिए अमृत समान है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं। लेकिन प्रायः देखा गया है कि भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर माताओं को अपने शिशु को स्तनपान कराने में कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इन असुविधाओं को महसूस करते हुए एम्स ऋषिकेश ने अस्पताल के 3 अलग-अलग स्थानों पर शिशु स्तनपान कक्ष (ब्रेस्ट फीडिंग पाॅड) स्थापित किए हैं। इस सुविधा के प्रारम्भ हो जाने से प्रसूता महिलाओं, संस्थान में सेवारत विभिन्न महिला स्टाफ सहित अस्पताल आने वाली अन्य महिलाओं को भी अपने शिशु को दुग्धपान करवाने में आसानी होगी।

उल्लेखनीय है कि ’विश्व स्तनपान सप्ताह’ के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में इन दिनों मातृत्व लाभ और शिशु कल्याण के संबन्ध में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रृंखला के तहत बीते रोज संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह द्वारा शिशु स्तनपान कक्षों का उद्घाटन किया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने इस बारे में बताया कि स्थापित किए गए सभी शिशु स्तनपान कक्ष पूरी तरह से सुसज्जित हैं। स्वच्छता के उचित मापदंडों सहित इन कक्षों में आरामदायक कुर्सिर्यों और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। इससे माताओं को अपने शिशुओं को पोषण देने में सहूलियत होगी और उन्हें सहजता भी महसूस होगी। जिन महिलाओं के प्री-मैच्योर बच्चे जन्म लेते हैं और जो महिलाएं अपने बच्चों को स्वयं का स्तनपान करवाने में असमर्थ होती हैं, उन माताओं के लिए इस कक्ष को एकांत कक्ष के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। प्रो. मित्तल ने बताया कि ये शिशु स्तनपान कक्ष भू-तल पर ओपीडी काउन्टर के निकट, द्वितीय तल पर पैथोलाॅजी लैब के निकट और तृतीय तल पर प्रसूता कक्ष तथा गायनी वार्ड के निकट स्थापित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जरूरतमंद माताओं को इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इस दौरान डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, नियोनोटाॅलाजी विभाग की हेड प्रो. श्रीपर्णा बासु, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, असिस्टेंन्ट प्रो. डाॅ. सुमन चौरसिया और चीफ नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा सहित कई अन्य मौजूद थे।

’’ एआईआईएमएस डायरेक्टर प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि स्तनपान कक्ष स्थापित हो जाने से अब माताएं अस्पताल में भी बिना किसी संकोच के अपने शिशुओं को स्तनपान करा सकेंगी। इससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी तो होगी ही साथ ही उन्हें स्तनपान करवाने के लिए एक गरिमापूर्ण माहौल भी प्राप्त हो सकेगा। मातृत्व और शिशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं के साथ ही जनजागरूकता और सामाजिक समर्थन का होना बहुत जरूरी है।’’

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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