
रिपोर्ट कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश — कांवड़ रूट पर ढाबा-दुकान मालिकों के नेम प्लेट विवाद पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा हमारी आस्था और भक्ति की यात्रा है, जिसमें हर साल चार करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अलग-अलग क्षेत्रों से हरिद्वार और ऋषिकेश आते हैं। उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को प्रतिष्ठान के बाहर नेम प्लेट, फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को प्रमुखता से दिखाना अनिवार्य कर दिया है। अब इसपर विवाद हो गया है। विपक्ष इसपर खुलकर विरोध कर रहा है। विवाद होता देख अब खुद प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने इसपर जवाब दिया है। सीएम धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है,कल मैं इसी की समीक्षा भी करूंगा।
कांवड़ रूट पर ढाबा-दुकान मालिकों के नेम प्लेट विवाद पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा हमारी आस्था और भक्ति की यात्रा है, जिसमें हर साल चार करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अलग-अलग क्षेत्रों से हरिद्वार और ऋषिकेश आते हैं। वे सभी गंगा नदी का पवित्र जल अपने-अपने क्षेत्रों में ले जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानें शुद्ध होनी चाहिए और खाने-पीने की चीज़ों में कोई मिलावट नहीं होनी चाहिए। यही कारण है कि हमने यह फैसला लिया है। कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है,कल मैं इसी की समीक्षा भी करूंगा।
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों के लिए अपने फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को प्रमुखता से दिखाना अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर होटल, ढाबे,खाने के ठेले और स्टॉल चलाने वालों को अपने लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की साफ कॉपी ऐसी जगह दिखानी होगी,जहां ग्राहक उसे आसानी से देख सकें।