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राम झूला पुल की जर्जर हालात का जिम्मेदार कौन
खतरे की जद में आए राम झूला पुल पर विभाग ने शुरू किया वायर क्रेट वाल का काम शुरू, आखिर क्यों अपेक्षित है पर्यटन का हॉटस्पॉट
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश 23 अगस्त
विश्व प्रसिद्ध राम झूला पुल बीती 14 अगस्त की बारिश के बाद गंगा के कटान से खतरनाक स्थिति में आ गया है, हालांकि संबंधित विभाग पीडब्ल्यूडी ने और स्थानीय प्रशासन ने आवाजाही को सीमित कर के पुल से लोगो की नजर बचा ली, लेकिन सवाल ये है कि आने वाले फेस्टिवल सीजन में देसी और विदेशी पर्यटक एक बार फिर यहां का रुख करेंगे तब बढ़ती भी भीड़ को कैसे मैनेज किया जाएगा।
हालांकि लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर ने राम झूला पुल के सुरक्षा दीवार बनाने का काम शुरू कर दिया है , गंगा का जल स्तर अभी बहुत ज्यादा है फिर भी इसके लिए विभाग ने वायर क्रिएट वाली दीवार बनकर गंगा कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है , जिस पल की नई के पास का क्षेत्र और सपोर्टिंग तार का प्लेटफार्म का पुस्ता मजबूत हो सके , वायर के अंदर भर पत्थर गंगा के जल का प्रभाव रोककर दूसरी जगह डाइवर्ट करेंगे , जल स्तर के काम होते ही फिर से सुरक्षा बल का निर्माण किया जाएगा ।
ऐसे में जानकी पुल की उपस्थित क्षेत्र वासियों के लिए एक नजदीकी सुगम रास्ता बनकर सामने आई है, जिस पर पैदल और दो पहिया वाहन आसानी से आवागमन कर सकते हैं, ऐसे में यह भी सोचने वाली बात है कि इतने समय से जर्जर हो रहे राम झूला पुल की स्थिति पर लोक निर्माण विभाग ध्यान क्यों नहीं दे रहा था, जबकि लक्ष्मण झूला पुल पहले ही बंद कर दिया गया था , इस बरसात में वैसे भी लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की सालों से चली आ रही पोल पट्टी खोलकर रख दी है प्रदेश में जगह पुलो, एप्रोच रोड और पुलिया का संकट देखने को मिल रहा है ।
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में पर्यटन विभाग लोक निर्माण विभाग और सरकार को ज्यादा से ज्यादा पुलो का निर्माण करना चाहिए जिससे पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी आने-जाने की सुविधा मिल सके , जबकि यहां से 20 किलोमीटर दूर हरिद्वार में विभाग लगातार निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दे रहा है ऐसे में पर्यटन का हॉटस्पॉट राम झूला और लक्ष्मण झूला क्यों उपेक्षा का शिकार है, यह सवाल सभी के मन मे लगातार उठता रहता है। सोचिएगा जरूर…..