उत्तराखंडदेहरादून

क्या है उत्तराखंड के विधायकों का वेतन भत्ता

वेतन 2 से 30 हजार तथा जनसेवा भत्ता 200 से 2000 प्रति दिन निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 5 हजार से 1.5 लाख हुआ सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को विधानसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध करायी सूचना से खुलासा

 

रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून , हर आदमी चाहता है कि उसके वेतन में रोज वृद्धि होती रहे लेकिन ऐसी किस्मत आम आदमी की बला कहां हो सकती है , इसके उलट उत्तराखंड राज्य में नीति निर्धारक जनप्रतिनिधियों की आमदनी लगातार बढ़ती जा रही है , जिस पर सत्ता और विपक्ष दोनों का गठजोड़ हमेशा सामने आता रहता है और आम आदमी को इसकी भनक तक नहीं मिलती कि नेताजी कितना कमा रहे हैं , हालात यह है कि वेतन वृद्धि में माननीयों ने राज्य के नौकरी पेशा लोगों को काफी पीछे छोड़ दिया है जिसका खुलासा एक जनहित आरटीआई में हुआ है

उत्तराखंड गठन से 2021 तक 21 वर्षोें में विधायकों का वेतन 15 गुना हो गया है जबकि अन्य भत्तों में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई हैै। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को विधानसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधायकों के वेतन भत्तों की दरों व उसमें संशोधन की सूचना मांगी थी। विधानसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी/ उपसचिव लेखा हेम चन्द्र ने अपने पत्रांक 494 से सूचना उपलब्ध करायी।

 नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड गठन के समय 09-11-2000 को विधायकों का वेतन 2000 रू .प्रतिमाह था जो 01 अप्रैल 2017 से बढ़़कर पन्द्रह गुना 30 हजार रूपये प्रतिमाह होे गया। उत्तराखंड गठन के चौथे साल में 01 अप्रैल 2004 से इसे 3000, नवें साल में 01-04-2009 से 5000 तथा 01-01-2014 से 10 हजार किया गया था।

विधायकोें को मिलने वाले निर्वाचन क्षेत्र भत्ते की दर 5000 से तीस गुना बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपये कर दी गयी हैै। 09-11-2000 को निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 5000 था, 01-04-2014 से इसे 7500रू, 01-01-2015 से 15 हजार, 01-04-2009 से 30000 रू, 01-01-2014 से 60 हजार तथा 01-04-2017 से बढ़ाकर डेढ़ लाख  रूपये कर दिया गया हैै।

उत्तराखंड गठन के समय विधायकों को चालक भत्ता नहीं मिलता था। 01-01-2014 से 3 हजार रूपये मिलना प्रारंभ हुआ जिसे 01-04-2017 से बढ़ाकर चैैगुना 12 हजार रूपये कर दिया गया है।

उत्तराखंड गठन के समय विधायकों को चालक भत्ता नहीं मिलता था। 01-01-2014 से 3 हजार रूपये मिलना प्रारंभ हुआ जिसे 01-04-2017 से बढ़ाकर चैैगुना 12 हजार रूपये कर दिया गया है।

उत्तराखंड गठन के समय 1 हजार रूपये की दर से मिलने वाले सचिवीय भत्ते को 12 गुना बढ़ाकर 01-04-2017 से 12 हजार कर दिया गया हैै। 01-04-2004 से इसे 2500 रू., 01-11-2005 से 6000 तथा 01-04-2017 से 12 हजार कर दिया गया है।

उत्तराखंड गठन के समय 1000 रू. की दर से मिलने वाले चिकित्सीय भत्ते को 01-01-2014 से समाप्त कर दिया गया है। रू. 300 की दर से मिलने वाले मकान किराये भत्ते में 01-11-2005 से कोई वृद्धि नहीं की गयी है।

उत्तराखंड गठन के समय रू. 200 प्रतिदिन की दर से मिलने वाले जनसेवा भत्ते को दस गुना बढ़ाकर 2000 रू. प्रतिदिन कर दिया गया हैै। इसे 01-04-2004 से 250 रू. प्रतिदिन , 01-04-2009 से 1 हजार रू. तथा 01-01-2014 से 2 हजार रूपये प्रतिदिन किया गया हैै।

 नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार विधायकों के रेलवे कूपन व डीजल पेट्रोल भत्ते में भी भारी बढ़ोत्तरी की गयी हैै। उत्तराखंड गठन के समय इसकी दर 93 हजार रू. प्रतिवर्ष थी, जिसमें 60 हजार रू. को नकद डीजल पेट्रोल भत्ते के रूप में प्राप्त किया जा सकता था। 01-04-2004 से इसे 1 लाख 20 हजार कर दिया गया जिसमें 96000 पेेट्रोल डीजल भत्ता नकद था। इसेे पुनः बढ़ाकर 01-11-2005 से 1 लाख 50 हजार (जिसमें 1,20,000 पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया। इसे पुनः 01-05-2008 से बढ़ाकर 2 लाख (जिसमें 1.80 लाखा पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) तथा 01-01-2014 से 3 लाख (जिसमें 2.70 लाख पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया है। इसे 01-04-2017 से बढ़ाकर 3,55,000 रू0 कर दिया गया है जिसमें से 3,25000 पेट्रोल/डीजल भत्ते के रूप में नकद प्राप्त किया जा सकता हैै।

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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