रिपोर्ट_ कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , कहते हैं भगवान के दर पर कौन बड़ा कौन छोटा , लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है , उत्तराखंड के चारो धाम में वीआईपी कल्चर के नाम पर मंदिर समिति और पंडे समाज के लोग आम श्रद्धालुओं को घंटों लाइनों में खड़ा करके पीछे के दरवाजे से तथाकथित वीआईपी लोगों को दर्शन करवाते हैं , जिस से लगातार आस्था पर भी सवाल उठता है , और प्रशासन हमेशा ही शक के दायरे में रहता है , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा में वीआईपी दर्शनों पर रोक लगाने का आदेश पारित किया है हालांकि इसमें भी पूरी तरह से वीआईपी दर्शन में रोक पाने की गुंजाइश नहीं दिखती क्योंकि प्रोटोकॉल के तहत आने वाले लोगों को आम श्रद्धालुओं को रोककर दर्शन कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहले सरकार ने चारों धामो के लिए छूट रखी हुई थी। परन्तु चारों धामो में श्रद्धालुओं के उमड़ते जन सैलाब को देखते हुए सरकार को कई पाबंदियां लगानी पड़ी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा से पहले ही सरकार ने सभी विभागों व यात्रा व पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसायियों संग बैठक की तो अधिकांश होटल व टैक्सी व्यवसायियो की बुकिंग पूरी तरह से फुल हो चुकी थी। फिर भी अत्यधिक श्रद्धालु उत्तराखंड आ रहे हैं ।
अभी तक चारो धामो में 21 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है । परंतु किसी भी धाम में अभी तक भगदड़ या हादसे में किसी भी श्रद्धालु की जान नहीं गई है। जैसे कि मीडिया में दिखाया गया है। अभी तक चारो धामो में जीने भी श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है वे पहले से बीमार रहे या हृदय गति से उनका देहांत हुआ है। चारो धामो में ऑक्सीजन की कमी रहती है जो एक बड़ा कारण है। पहले चारो धामो में श्रद्धालुओं के जाने की एक सीमा थी जिसे हमने बड़ा दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यात्रा अच्छे से चल रही है परंतु हमारी सरकार सभी से अनुरोध करती है कि चारो धामो में युवा बुजुर्गों को दर्शन करने का पहले मौका दे और अभी चार धाम यात्रा सरकार और अधिक सुव्यवस्थित करने में जुटी हुई है। इसलिए अभी वे यात्री न आये जिको स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी है वो भी तब जब यात्रा बिल्कुल चर्म पर चल रही है।
चार धाम यात्रा को लेकर जो अभी हमारा नियम है उसे कड़ाई से पालन करना होगा। यदि चार धाम में कड़ाई नहीं होगी तो किसी भी प्रकार की घटना होती है तो हमे पहले ही सावधानी हमे रखनी होगी।