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पीएमओ के दखल के बाद जागा उत्तराखंड शासन

चार धाम में मौत के आंकड़ों को पीएमओ ने सीरियसली लिया , सरकार से रिपोर्ट मांगी, आनन-फानन में सरकार एडवाइजरी लेकर सामने आई लेकिन हकीकत यात्रा मार्गों पर पोल खोल रही है धीरू

 

रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून , चार धाम यात्रा पर आए रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने सरकार के सारे दावों की हवा निकाल के रख दी , हालात यह है कि चारों धाम यात्रियों के बोझ से भर गए है , ऊपर से मौसम की मार ने 20 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है लेकिन व्यवस्थाएं इस भीड़ के सामने नाकाफी साबित हो रही है , प्रधानमंत्री कार्यालय ने जब राज्य सरकार से चार धाम में आए यात्रियों की मौत का आंकड़ा पूछा तो शासन प्रशासन के हाथ पैर फूल गए और आनन-फानन में भूमि सरकार ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करी , जबकि इतना बड़ा पर्यटन विभाग और मंदिर समिति सब मिलकर यात्रियों को मैनेज करने के लिए सालों से ठोस नीति नहीं बना सके हैं सिर्फ देहरादून में बैठकर बैठकों के नाम पर बैठक करके इतनी बड़ी यात्रा को लापरवाही से निभाते चले आ रहे हैं जिसका खामियाजा 2013 में देश भर का यात्री उठा चुका है फिर भी शासन प्रशासन को अकल नहीं आ रही है।

पीएमओ के दखल के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चार धाम यात्रा के लिये यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये श्री गंगोत्री श्री यमुनोत्री, श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं को दर्शन करने की सुविधा के दृष्टिगत प्रतिदिन मंदिर / धामों में दर्शन के लिये आने वाले तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या में एक-एक हजार की वृद्धि की गई है। इस संबंध में पूर्व के शासनादेश में आंशिक संशोधन करते हुए नया शासनादेश जारी किया गया है। संशोधित शासनादेश के अनुसार चार धाम यात्रा के लिये यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये तीर्थ यात्री/श्रद्धालुओं की प्रतिदिन दर्शन हेतु निर्धारित अधिकतम संख्या श्री गंगोत्री में 8 हजार, श्री यमुनोत्री में 5 हजार, श्री केदारनाथ में 13 हजार एवं श्री बद्रीनाथ में 16 हजार है। तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं को दर्शन करने की सुविधा के दृष्टिगत यह संख्या निर्धारित की गई है।

अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के यह आदेश यात्रियों और प्रशासन के कितने गले करते हैं और वीआईपी कल्चर के नाम पर लगातार भीड़ कर रहे यात्रियों पर कैसे रोक लग पाती है पहाड़ दस्तक हमेशा इन मुद्दों को उठाता आ रहा है और उठाता आएगा जब तक सरकार जाग नहीं जाती।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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