रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , पौराणिक श्री भरत मंदिर में चल रही भागवत कथा का आज सातवां दिन था , जिसमें व्यासपीठ में भगवान की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन करके श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया , कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं , वहीं दूसरी ओर वीआईपी श्रद्धालुओं का बिताता लगातार बना हुआ है , आज कथा में शिरकत करने हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल , पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान उपस्थित रहे ।
ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस पर व्यास पीठ पर विराजमान अंतर्राष्ट्रीय पूज्य संत डा राम कमल दास वेदांती जी ने पावन प्रसंग मे भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा गमन प्रसंग पर विस्तृत चर्चा करते कथा सुनाई,
श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस पर
कथा व्यास पूज्य वेदांती जी महाराज ने गोपियों के वियोग की मार्मिक कथा सुनाते हुए कहा कि
श्रीमद्भागवत में दशम स्कंध में गोपी गीत आता है। ये गोपी गीत भगवान कृष्ण को साक्षात् पाने का मन्त्र है। भगवान कृष्ण को पाने के जितने भी तरीके हैं या होंगे उनमे से एक गोपी गीत है। इस गोपी गीत में उन्नीस श्लोक हैं। जब भगवान शरद पूर्णिमा की रात में रास लीला का प्रारम्भ करते है तो कुछ समय बाद गोपियों को मान हो जाता है कि इस जगत में हमारा भाग्य ही सबसे श्रेष्ठ है भगवान उनके मन की बात समझकर बीच रास से अंतर्ध्यान हो जाते है,
व्यक्ति केवल दो ही जगह जा सकता है, एक है संसार और दूसरा है आध्यात्म या भगवान. जैसे ही भगवान से हटकर गोपियों का मन अपने ही भाग्य पर चला गया यहाँ भगवान बता रहे है कि जैसे ही भक्त मुझसे मन हटाता है वैसे ही मै चला जाता हूँ।
इस अवसर पर पूज्य गुरु मां आनंदमई जी, श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य जी, श्री हर्ष वर्धन शर्मा जी,वरुण शर्मा जी , ओंकारानंद आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी विशेश्वरनंद जी महाराज ,पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह जी सजवान, मधुसूधन शर्मा , रवि शास्त्री जी , आदि उपस्थित थे