लगातार दबाव के बाद भी नहीं बैठी उषा रावत
ऋषिकेश विधानसभा चुनाव में एक बुजुर्ग महिला की सम्मान की लड़ाई
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , ऋषिकेश विधानसभा चुनाव में नए नए रंग देखने को मिल रहे हैं 2022 के चुनावी संग्राम में ऋषिकेश के तीन बार से विधायक रहे कद्दावर प्रेमचंद अग्रवाल को उन्हीं की ही पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं राज्य आंदोलनकारी महिला ने अपने दिल की बात सुनकर चुनौती दे डाली
यह कहानी है 68 साल की स्वतंत्रता संग्राम परिवार की और राज्य आंदोलनकारी उषा रावत की जिन्होंने ऋषिकेश में 15 साल के विकास को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ चुनावी मैदान में बिगुल फूंक दिया है , हालांकि लड़ाई बड़ी है लेकिन एक अकेली महिला की हिम्मत देखिए जो अपनी ही पार्टी से सम्मान की लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतर गई है ऐसे में क्षेत्र की जनता की भी सहानुभूति और प्यार उषा रावत के पक्ष में धीरे-धीरे आने लगा है एक तरफ चुनावी मैदान में करोड़पति लोग अपनी किस्मत आजमा रहे हैं दूसरी ओर 68 साल की बुजुर्ग अपने ही बलबूते पर पति की पेंशन से चुनाव को अलग ढंग से लड़ रही है
उषा रावत को कप प्लेट चुनाव चिन्ह मिला है जिसे लेकर वह जनता से अपील कर रही है बिना किसी तामझाम के अकेले ही लोगों से लिफ्ट लेकर प्रचार को रोचक बना रही है अब आने वाला समय बताएगा कि इस संघर्षशील महिला की लड़ाई कितना रंग लाती है , हालांकि उषा रावत का कहना है यह जीत और हार की लड़ाई नहीं है यह सत्य पार्टी में समर्पण और सम्मान की लड़ाई है जो उनकी अंतरात्मा से प्रेरित है