रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , भारतीय युवाओं को भारत की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए स्पीक मैके समय-समय पर युवाओं के बीच पहुंच कर भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रचार प्रसार करती है , जिस से युवा भारत की समृद्ध संगीत नृत्य परंपरा को आत्मसाध करके इसे आगे ले जाए। इसी क्रम में निर्मल आश्रम के एनजीए स्कूल में विश्व प्रसिद्ध वीना वादक विश्व मोहन भट्ट के पुत्र और प्रसिद्ध वीना वादक सलिल भट्ट ने शास्त्रीय संगीत के सुरों को अपनी वीना के माध्यम से प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया।
एनजीए के निर्मल सभागार में स्पिक मैके द्वारा आयोजित वीणा वादन समारोह ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। यह आयोजन महंत बाबा राम सिंह जी महाराज के आशीर्वाद और संत जोध सिंह महाराज जी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पवित्र मंत्रोच्चारण के साथ हुई, जिसमें विद्यालय के सम्मानित अतिथियों को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और सात्विक वीणा वादक पंडित सलिल भट्ट जी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। उन्होंने ‘राग परमेश्वरी’ का अद्भुत वादन किया, जिसे सुनकर श्रोता अध्यात्म की गहराइयों में खो गए। पंडित जी का साथ तबले पर हिमांशु जी एवं संतोष कुमार जी ने दिया, जिसने प्रस्तुति को और भी भावपूर्ण बना दिया।
विद्यालय की संगीत अध्यापिका दीपमाला कोठियाल जी ने पंडित सलिल भट्ट जी के जीवन, शिक्षा और उनके द्वारा प्राप्त पुरस्कारों की जानकारी देते हुए कहा कि पंडित जी का योगदान भारतीय शास्त्रीय संगीत को आधुनिक तत्वों के साथ समृद्ध बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंडित सलिल भट्ट, मोहन वीणा के जनक पंडित विश्वमोहन भट्ट जी के पुत्र हैं, और उन्होंने अपने पिता की संगीत धरोहर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
कार्यक्रम के अंत में छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का पंडित सलिल भट्ट जी ने बड़े ही संतोषजनक ढंग से उत्तर दिया। इसके पश्चात संत बाबा जोध सिंह जी महाराज ने पंडित सलिल भट्ट और अन्य अतिथियों को शिरोपा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्या डॉ सुनीता शर्मा, हेडमिस्ट्रेस श्रीमती अमृत पाल डंग, समस्त एनजीए शिक्षक एवं एनजीए व एनडीएस की छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।