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चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन सिस्टम

यात्रियों में भारी नाराजगी, अपने राज्यों से बड़ी संख्या में ऋषिकेश पहुंचे अब रजिस्ट्रेशन के लिए करना पड़ रहा है लंबा इंतजार

रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश, चार धाम यात्रा के लिए देशभर से तीर्थ यात्री बड़े ही उत्साह से ऋषिकेश पहुंचे हुए लेकिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन ना हो पाने से व्यवस्था को लेकर पर्यटन विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है दूरदर्शिता का अभाव चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों पर पड़ना शुरू हो गया है बीते दो दिनों से ऋषिकेश में डेरा डाले यात्री अपनी बारी के इंतजार में है, उनका बजट भी टोकन सिस्टम पर निर्भर कर रहा है। अधिकारी अपनी इस कार्य प्रणाली पर चुप्पी साधे बैठे है क्योंकि जवाब पर्यटन अधिकारियों केपास कुछ भी नही है पर्यटन मंत्री देहरादून तक ही सीमित है यही हाल पर्यटन विभाग का भी, अतिथि देवो भव की धारणा यात्रियों के साथ धक्के खाती हुई नजर आ रही हैं, सरकार मीटिंग में व्यस्त है, क्या धरातल पर है इसकी सुध लेने वाले सिर्फ छोटे कर्मचारी …

 
अचानक ही टोकन सिस्टम लागू होने से यात्रियों में भारी नाराजगी,
यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए यात्री परेशान पर्यटन विभाग ने अचानक ही लागू किया रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन सिस्टम
दो दिनों से अपनी बारी का इंतजार , खुले आसमान के नीचे यात्री 
 
 उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में खासा उत्साह है बड़ी संख्या में अपने राज्य से यात्री चारधाम धाम यात्रा के लिए आ तो गए है अब यात्रा रजिस्ट्रेशन ना होने से यात्रियों को दो दिनों तक करना पड़ रहा है इंतजार, यात्रा में देरी को लेकर यात्रियों में भारी रोष है हालात यही रहे तो यात्री यात्रा बीच में छोड़कर जाने की बात कर रहे है 
सालो से यात्रा संचालित कर रहे टूर ऑपरेटर अप्रेश पंचभेया का कहना है कि दूरदर्शिता की कमी इस बार की यात्रा व्यवस्थाओं में साफ नजर आ रही है जिस का असर आने वाले समय में ऋषिकेश से होने वाली यात्रा पर पड़ेगा, सरकार और विभाग सिर्फ देहरादून तक सीमित है मीटिंग के सिवा कुछ भी यात्रा के नाम पर ढंग से नही होता।
मध्य प्रदेश से आए यात्री जगदीश का कहना है कि हम चार बस भर कर यात्रा के लिए आए है तो दिन हो गए है अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है अब टोकन सिस्टम कर दिया गया है वो भी समय से नही मिल रहा है ऐसे हालात में यात्रा का खर्चा बढ़ता जा रहा है।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड में आर्थिकी का बड़ा जरिया है लेकिन दूरदर्शिता की कमी यहां के पर्यटन पर लगातार भारी पड़ रही है, इंफ्रा स्ट्रक्चर पर केंद्र पैसा खर्च कर रहा है लेकिन यात्रा रूट पर अतिक्रमण और जाम लगातार बढ़ता जा रहा है।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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