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मछली पकड़ने को जुटते हैं हजारों लोग

वीडियो रिपोर्ट_जौनपुर का ऐतिहासिक मौण मेला , राजा महाराजा ने शुरू किया था यह मेरा सबसे ज्यादा मछली पकड़ने वाले को मिलता है इनाम आज भी जिंदा है परंपरा

 

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रिपोर्ट_ कृष्णा रावत डोभाल

टिहरी / जौनपुर :
उत्तराखंड के जौनपुर का ऐतिहासिक मौण मेला जौनपुर क्षेत्र की संस्कृति की एक ऐतिहासिक पहचान है। आज दो वर्ष बाद इस मेले का आयोजन किया गया । जिसमें जौनपुर क्षेत्र के ग्रमीणों ने बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अगलाड़ नदी से परंपरागत तरीके से मछलियों को पकड़ा । यही नहीं इस ऐतिहासिक मेले का लुफ्त लेने देहरादून, टिहरी उत्तरकाशी व चकराता क्षेत्र से लोग पहुंचे साथ ही मसूरी घूमने वाले पयर्टक भी मौण मेला देखने जौनपुर की अगलाड़ नदी में ये मेला देखने को पहुंचे थे।

मौण मेले में हजारों जौनपुर के ग्रमीण अगलाड़ नदी (Aglad River) में सामूहिक रूप से मछलियां पकड़ने आते हैं। इस परंपरा के मुताबिक अलगाड़ नदी में मौणकोट गाँव के पास नदी में टिमरू (Zanthoxylum Alatum) की छाल का पाउडर डाला जाता है। इस पाउडर से मछलियां बेहोश हो जाती हैं और लोग नदी में उतरकर उन्हें पकड़ते हैं। बताया जाता है कि यह मेला टिहरी नरेश ने शुरू करवाया था। तब स्वयं राजा अपने लाव-लश्कर ओर रानियों के साथ इस मेले में मौजूद रहते थे। इसमें 114 गांव के हजारों ग्रामीण ढोल-नगाड़ों के साथ उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं।

मौण मेले का इतिहास
बताते चलें कि जौनपुर का ऐतिहासिक मौण मेला दशकों से आयोजित किया जाता रहा है। बताया जाता है कि टिहरी नरेश नरेंद्र शाह ने सन 1876 में इसकी शुरुआत की थी बताया जाता है कि टिहरी नरेश ने अगलाड़ नदी में आकर मौण टिमरु का पाउडर डाला था उसके बाद निरंतर यहां मेला आयोजित किया जाता रहा और इसमें राज परिवार के लोग भी शामिल होते थे इसी परंपरा को जीवित रखते हुए आज भी जौनपुर के लोगों द्वारा इस मेले का आयोजन किया जाता है और टिमरू से बने पाउडर से मछलियों को पकड़ा जाता है सबसे अधिक मछलियां पकड़ने वाले को पुरस्कार दिया जाता है टिमरू के पाउडर से जहां नदी साफ हो जाती है मछलियां भी कुछ देर के लिए मूर्छित होकर फिर से जीवित हो उठती है जाल और कुनियाला से मछलियों को पकड़ा जाता है।

 

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Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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