समूण की परंपरा हमारे तीज त्यौहार में लगा सकती है चार चांद मुख्यमंत्री की अपील
बेडू ग्रुप के प्रयास को सीएम ने सहारा, त्योहारों पर अपने रिश्ते नातेदारो को दें उत्तराखंड में पैदा होने वाले उत्पाद , ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ेगी आजीविका ,लोगों को मिलेगा रोजगार, जिंदा रहेगी परंपरा
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून , दिवाली के 11 दिन बाद पढ़ने वाली बूढ़ी दिवाली या इगास का उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक महत्व है , ईगास को हर पहाड़ी व्यक्ति बड़ी धूमधाम से मनाता है और दिवाली की तरह ही पहाड़ी व्यंजनों के साथ-साथ पहाड़ी उत्पादों को भी अपने रिश्ते नाते दारो को भेंट स्वरूप देता है , यह परंपरा सदियों से चली आ रही है प्रवासी उत्तराखंडी भी दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ पर होने वाली दिवाली को मनाने के लिए अपने गांव पहुंचते हैं।
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार विकास के अवसर पर राजकीय अवकाश घोषित करके इसका महत्व और बढ़ा दिया है साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की जनता से अपील करी है कि पहाड़ों पर पैदा होने वाले उत्पादों को अपने रिश्ते नातेदारो में देने की जो प्रथा शुरू से चली आ रही है हर उत्तराखंडी उसको जरूर पालन करें जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों की आजीविका भी चल सके , एक अच्छी सोच के मुख्यमंत्री की यही पहचान है कि वह अपने राज्य के हित में बात करें ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित केम्प कार्यालय में बेडू ग्रूप के सदस्यों ने स्थानीय उत्पादों की सामग्री के साथ भेंट की। उन्होंने इगास पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने बेडू ग्रुप के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फ़ॉर लोकल मुहिम की सार्थकता बताया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में इगास को लेकर इस बार कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसका स्वागत है, उन्होंने कहा कि इगास पर्व की सार्थकता तभी है जब हम इस पर्व को अपनी संस्कृति, प्रकृति और उत्पादकता से जोड़ें। हमें इगास पर्व को उत्पादकता से जोड़ना होगा। इससे हमारे पारम्परिक व्यंजनों को प्रचार एवं पहचान भी मिलेगी और नई पीढ़ी का इन व्यंजनों से भी परिचय हो सकेगी। इसके साथ ही पारंपरिक बाल मिठाई, सिंगोरी सहित अन्य मिठाइयों से एक-दूसरे का मुंह मीठा करें तो इससे अच्छी बात कुछ और नहीं हो सकती। इससे ना सिर्फ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे जुड़े लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।
इस अवसर पर दया शंकर पांडेय, अवधेश नौटियाल एवं अमित अमोली ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व इगास पर समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोगों को बेडू के शुद्ध हर्बल उत्पादों के साथ ही रोट, अरसे और सिंगोरी मिठाई की कंडी बनाकर समूण के तौर पर देने का अभियान चलाया है।