रिपोर्ट _अमित सूरी
ऋषिकेश-नियम तो बन गए लेकिन इस पर अमल कितना हो रहा है, यह देखने वाली बात है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित नजर आ रहा है। बाजार में पालिथिन समेत उन सभी सामग्रियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है जिनपर सरकार की और से प्रतिबंध लगाया गया था।दिलचस्प यह है कि कहीं खुलेआम इसका प्रयोग हो रहा है तो कहीं चोरी-छिपे।
दशहरा पर्व निपटने के बाद देश के सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली पर्व की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का अंतिम दौर भी शुरू हो चुका है।।लेकिन पालीथीन को लेकर प्रशासनिक सुस्ती की वजह से रायवाला से लेकर लक्षमण झूला तक बड़ी संख्या में सड़कों किनारे ठेली खोमचे वाले अलग अलग खाने पीने का सामान पालीथिन में बेच रहे हैं ।ठेले खोमचे वालों ने सिर्फ इतना ही किया कि पालिथिन जेब में रख ली है, जबकि बाजारों में प्लास्टिक के गिलास, प्लेट आदि अभी भी बेचे जा रहे हैं।उधर नगर निगम की टीम का अभियान भी सुस्त हुआ है जिसके चलते निगम की टीम का कोई खास खौफ अब लोगों में देखने को नही मिलता दिखाई दे रहा है।बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक में 19 प्रकार की सामग्री प्रतिबंधित हैं।इनकी बिक्री व इस्तेमाल पर रोक है।लेकिन यह भी सच है कि ठेले खोमचे वाले, मिष्ठान, सब्जी और फल विक्रेता, राशन के दुकानदार और होटलों में इनका इस्तेमाल लगातार हो रहा है।