पूरी तरह सुरक्षित है पहाड़ में रेल की सुरंग
रेल निगम ने किया दावा पूरी तरह सुरक्षित है ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन टनल _ जियोलॉजिकल , हाइड्रोलॉजिकल और अन्य तरह के सभी सर्वे करने के बाद बनाई गई रेल टनल , अत्याधुनिक तकनीक से बन रही है रेल की सुरंग एक्सपर्ट की निगरानी में हो रहा है निर्माण कार्य
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश,
रेल निगम ने किया दावा पूरी तरह सुरक्षित है ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन टनल _ जियोलॉजिकल , हाइड्रोलॉजिकल और अन्य तरह के सभी सर्वे करने के बाद बनाई गई रेल टनल
एंकर लिंक _ ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर जोशीमठ आपदा के बाद सवाल उठने लगे रेल निगम ने ऋषिकेश मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्स करके दावा किया है कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की सभी टनल पूरी तरह सुरक्षित हैं और टनल निर्माण से किसी भी तरह का नुकसान आसपास के क्षेत्र में नहीं हुआ है मरोड़ा गांव 2021 में प्रभावित हुआ था जिसको पूरी तरह से खाली करा लिया गया था जियोलॉजिकल हाइड्रोलॉजिकल सभी सर्वे कराने के बाद टनल निर्माण शुरू किया गया है
ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल लाइन के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव का कहना है कि इस पूरी परियोजना को हाइली एक्सपर्ट की निगरानी और सभी भूगर्भीय बारीकियों का सर्वे और जांच कर के बनाया जा रहा है, सभी टनल पूरी तरह सुरक्षित है और इसके निर्माण से कोई भी ग्रामीण छेत्र प्रभावित नहीं है 2021में मरोड़ा गांव में विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गईं है।
रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि निगम की ओर से ऋषिकेश कर्णप्रयाग मेगा रेल प्रोजेक्ट पर जो भी कार्य किये जा रहे है वो सुरक्षा की दृष्टि से सौ प्रतिशत सुरक्षित है। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट कार्यों की प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी भी दी।
गुरुवार को रेलवे विकास निगम के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग मेगा रेल प्रोजेक्ट के कार्यों की जानकारी देते हुए अजीत कुमार ने बताया कि प्रोजेक्ट में कुल 41 सुरंग व 12 स्टेशनों का निर्माण किये जाने है। जिसमे 35 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। तमाम सर्वे और मोनिटरिंग करने के बाद कार्य शुरू किया गया था। जिसमे अब तक किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत सामने नही आई है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस विशेष परियोजना के तहत बनाए जाने वाले रेलवे स्टेशनों की खास बात यह होगी कि इन्हें बद्री- केदार, गंगोत्री, यमुनोत्री के साथ राज्य के विख्यात मंदिरों की तर्ज पर बनाए जाएंगे। जो उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे।बताया कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग टनल रुट लेंथ 104 किलोमीटर है। कुल 213 किलोमीटर लंबी है। जिसमें निगम ने 86 किलोमीटर दूरी पूरी कर ली है। बताया परियोजना में देश के आईआईटी जैसे संस्थानों सहित विदेशों की भी तकनीकी मदद ली गयी है। जो निगम के लिए बेहतर सिद्ध हुआ है।
मरोड़ा सुरंग पर क्या बोले अजीत कुमार…
मरोड़ा सुरंग पर जानकारी देते हुए अजीत कुमार यादव ने बताया कि निर्माण के दौरान कुछ मूवमेंट हुए थे। जिसकी वजह से निगम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार्य पर रोक लगा दी थी। बताया कि मरोड़ा सुरंग का कार्य अभी शुरू नही किया गया है। उस पर अभी भी सर्वे किया जा रहा है। सर्वे की संतुष्टि के बाद ही कार्य शुरू किया जायेगा।
जोशीमठ पर क्या कहा….
जोशीमठ आपदा पर बोलते हुए अजीत ने कहा कि जोशीमठ आपदा से ऋषिकेश कर्णप्रयाग प्रोजेक्ट से कोई लेनदेन नही है। जोशीमठ ग्रेटर हिमालय पर स्थित है। और हमारा प्रोजेक्ट लेसर हिमालय पर तैयार किये जा रहा है।
चार धाम तक हो सकता है निर्माण….
अजीत सिंह यादव ने बताया कि निगम की ओर से फिलहाल ऋषिकेश कर्णप्रयाग तक ही निर्माण कार्य किये जा रहा है। लेकिन रेल विकास निगम चार धाम तक ट्रेन पहुंचने के लिए सर्वें कर रहे है। जैसे ही सर्वें पूरा होगा आगे का प्लान तैयार किया जायेगा।