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आ गई फैसले की घड़ी, क्या फिर चौकाएगी भाजपा

जैसे जैसे फैसले की घड़ी नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे मुख्यमंत्री के नाम की उत्सुकता बढ़ती जा रही है भाजपा इस बार राज्य में क्या नया प्रयोग करके सबको चौंका आएगी

रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल

देहरादून , जैसे-जैसे मुख्यमंत्री पर फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है वैसे वैसे ही राज्य की जनता के कयास बढ़ते जा रहे हैं राजनीतिक पंडित नई-नई नई थ्योरिया दे रहे हैं , जनता अपनी चर्चाओं के साथ चाय की चुस्कियां ले रही है , ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भाजपा शीर्ष नेतृत्व उत्तराखंड में बेहद चौंकने वाले नाम को आगे करने जा रहा है , एक बार फिर राजनीतिक पंडितों के कयास धरे के धरे रह जाएंगे ऐसे आसार उत्तराखंड में बनते हुए भी नजर आ रहे हैं

महिलाओं के दम पर उत्तराखंड में हार के कगार पर पहुंची हुई भाजपा एक बार फिर बहुमत से राज्य में सत्ता बनाने जा रही है ऐसे में क्या महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा यह सवाल सबके मन में बना हुआ है , ऐसे में प्रबल नाम के रूप में रितु खंडूरी का नाम सामने आ रहा है साथ ही रेखा आर्य जैसी तेजतर्रार नेत्री भी अपनी राजनीति क्षमताओं के चलते प्रबल दावेदार बनी हुई है आइए एक बार नजर डालते हैं उत्तराखंड के गणित पर

उत्‍तराखंड के नए मुख्‍यमंत्री के रूप में चल रहे नामों में केवल एक महिला विधायक का नाम चल रहा है। वहीं अब महिलाओं की ओर से किसी महिला विधायक को सरकार की कमान सौंपने की मांग उठाई गई है। उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीती हैं, लेकिन राज्य में भाजपा का चेहरा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट खटीमा से चुनाव हार गए। अब ऐसे में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर चर्चाओं को बाजार गरम है।हालांकि इसकी भी प्रबल संभावना जताई जा रही है कि पार्टी पुष्‍कर सिंह धामी को एक मौका और दे सकती है। अब तक पार्टी के नवर्विाचित छह विधायकों द्वारा धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश भी की जा चुकी है। वहीं यह भी संभवना है कि पार्टी निर्वाचित विधायकों में से ही किसी नए चेहरे को अवसर दे। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की पुत्री और कोटद्वार से नवनिर्वाचित विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण का नाम चर्चा में है। वर्ष 2012 में भुवन चंद्र खंडूड़ी कोटद्वार सीट से चुनाव हार गए थे और इसी कारण तब भाजपा सरकार बनाने से चूक गई थी। इस बार कोटद्वार सीट से उनकी पुत्री ऋतु ने चुनाव जीता है।

उत्तराखंड क्षेत्र के 70 सदस्यीय विधानसभा में पिछले चार चुनाव के दौरान महिला विधायकों की संख्या कभी भी पांच से अधिक नहीं रही है. लेकिन इस बार रिकॉर्ड 8 विधायक चुनी गई हैं. वर्ष 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में कुल 927 उम्मीदवार मैदान में उतरे, जिसमें से 72 महिलाओं ने भागीदारी दिखाई. इनमें से केवल चार महिलाएं चुनी गईं. इसके बाद साल 2007 में हुए दूसरे विधानसभा चुनावों में कुल 750 उम्मीदवारों में से केवल 56 महिला उम्मीदवार थीं. वहीं साल 2012 के विधानसभा चुनावों में 63 महिला उम्मेदवारों ने भाग लिया, जिसमें से पांच महिलाओं ने जीत हासिल की. वहीं साल 2017 में भी कम प्रतिनिधित्व की कहानी विधानसभा चुनावों में जारी रही, जब पांच महिलाओं ने राज्य विधानसभा में जगह बनाई. अब देखना यह होगा कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व क्या उत्तराखंड की मातृशक्ति को सम्मान देता है या फिर एक बार फिर कोई चौंकाने वाला नाम सामने आएगा ।

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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