रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
श्री बदरीनाथ धाम , विश्वप्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोचारण एवं सेना गढ़वाल स्काउट जोशीमठ के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों एवं जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से आज रविवार को प्रातः 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने।
कपाट खुलने के दौरान वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों शिक्षकों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार पर स्वास्तिवाचन किया गया। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। बदरीनाथ में कल रात से रूक- रूककर बारिस हो रही थी लेकिन आज कपाट खुलते समय हल्की बूंदाबांदी हुई लेकिन मौसम साफ रहा समीपवर्ती पहाड़ियों पर बर्फ साफ दिखाई दे रही थी।
माणा महिला मंगल दल द्वारा पारंपरिक चांचड़ी , चौंफुला नृत्य से भगवान बदरीविशाल एवं यात्रियों का स्वागत किया।जिला मुख्यालय से आये प्रादेशिक रक्षा दल के महिला बैंड की भी धूम रही।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति(बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट खुलने के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं कहा कि मंदिर समिति तीर्थ यात्रियों को भगवान बदरीविशाल के सरल- सुगम दर्शनों हेतु प्रतिबद्ध है इस यात्राकाल में भी भारी संख्या में तीर्थ यात्री श्री बदरीनाथ धाम दर्शन हेतु पहुंचेंगे।
पूजा- अर्चना, वैदिक मंत्रोचारण के पश्चात रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये कपाट खुलते ही मां लक्ष्मी मंदिर गर्भ गृह से अपने मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान हो गयी तथा श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सहित गाडू घड़ा तेलकलश बदरीश पंचायत में विराजमान हो गये। इस दौरान संपूर्ण बदरीनाथ धाम में में जय बदरीविशाल का उदघोष होने लगा तथा अभिषेक से पहले भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन शुरू हुए तथा दिन में अभिषेक के बाद भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन होंगे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही सभी निकटवर्ती मंदिरों श्री गणेश मंदिर, श्री घंटाकर्ण मंदिर, श्री गरूड़ मंदिर,श्री लक्ष्मी माता मंदिर,श्री आदि केदारेश्वर मंदिर,आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर मातामूर्ति मंदिर तथा भविष्य बदरी मंदिर सुवाई तपोवन के कपाट भी खुल गये हैं।