राजभवन में स्प्रिंग फेस्टिवल का आगाज
8 मार्च को वसन्तोत्सव का उद्घाटन प्रातः 10ः00 बजे किया जायेगा। * 8 मार्च को सुबह 10 बजे से सांय 6 बजे तक व 9 मार्च को प्रातः 09 बजे से सांय 6 बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए खुली रहेगी
रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
देहरादून ,राजभवन में वसंतोत्सव का कर्टेन रेजर आयोजित किया गया। मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस वर्ष दिनांक 08 मार्च तथा 09 मार्च से राजभवन में प्रारम्भ हो रहे वसंत उत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम तथा निदेशक उद्यान डॉ एच एस बवेजा भी उपस्थित थे |
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में 2003 से प्रारम्भ किया जाने वाला वंसत उत्सव, देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियॉं एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है। कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरूचि में वृद्धि हो रही है। प्रतिवर्ष राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसाधारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता एवं अभिरूचि विकसित हुई है।
उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1609.93 है0 हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 3022.90 मै0 टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) तथा 14.43 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग रू. 250.00 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है।
वसन्तोत्सव 2022 के मुख्य आकर्षण-
*इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है-
1.कट फ्लावर
2.पॉटेड प्लान्टस प्रबन्धन
3.लूज फ्लावर प्रबन्धन
4.पुष्प के अतिरिक्त पॉटेड प्लान्टस
5.कैक्टस एवं सकुलेन्ट्स
6.हैंगिंग पॉटस
7.फूलों के गमले
8.ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी
9.ताजे पुष्प दलों की रंगोली
10.खाने योग्य पुष्पों की प्रतियोगिता
11.लॉन
12.विद्यालयी एवं अन्य बच्चों हेतु पेंटिंग प्रतियोगिता (05 से 18 वर्ष आयु वर्ग)