टिहरी विस्थापितों को पशुलोक में मिला भूमि अधिकार
टिहरी विस्थापित उनको पशुलोक में मिलने लगा भूमि अधिकार , तहसील प्रशासन ने सर्वे कर के निवास कर रहे परिवारों को दी सरकारी रसीद
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , लंबे समय से टिहरी विस्थापित ऋषिकेश के पशुलोक में निवास कर रहे थे लेकिन अभी तक उनके पास सरकार द्वारा आवंटित भूमि का भू अधिकार नहीं था ना ही तहसील के दस्तावेजों में भूमि धरी अधिकार विस्थापितों को मिल पाया था , लंबे समय की मांग और संघर्ष रंग लाया क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट के नेतृत्व में सरकार ने तहसील प्रशासन को आदेश दिया और अब तहसील प्रशासन ने अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है , जिस से लोगो में खुशी की लहर है अब खबर विस्तार से…..
पशुलोक में आज विस्थापित परिवारों को भूमिधरी के भू अभिलेख तैयार करने के लिए तहसील प्रशासन ने प्रत्येक कास्तकर को रसीदें वितरित की। इससे कास्तकारों को अब अभिलेख तैयार कर खातेदार बनाया जाएगा। इस मौके पर विस्थापित जन कल्याण समिति पशुलोक के प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय विधायक व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का आभार प्रकट किया।
समिति के सचिव प्रताप सिंह राणा ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल की बदौलत पशुलोक को उनका अधिकार मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष और मंत्री डा0 अग्रवाल के सहयोग के बाद आज पशुलोक विस्थापित राजस्व ग्राम घोषित हुआ है।
उन्होंने कहा कि पशुलोक विस्थापित राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद अब भूमिधरी अधिकार की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में तहसील स्तर से एक एक्सपर्ट की टीम क्षेत्र में दस्तावेज तैयार करने हेतु सर्वे किया। अब दूसरे चरण में विस्थापित परिवारों को भूमिधरी के भू अभिलेख तैयार करने के लिए तहसील प्रशासन ने प्रत्येक कास्तकर को रसीदें वितरित की गई।
इस मौके पर प्रताप सिंह राणा, प्रताप सिंह पंवार, दिनेश बहुगुणा, राजेंद्र तड़ियाल, पूर्ण सिंह खरोला, धर्म सिंह तड़ियाल, रमेश नेगी, महावीर नेगी, सज्जन सिंह तड़ियाल, भीम सिंह पंवार, सर्वे कानूनगो हसीन अहमद, सुशील बिजल्वाण, अरुण रतूड़ी, जगदम्बा सेमवाल, बलवीर रावत, प्रताप सिंह पंवार, राम सिंह राणा, दिनेश डोभाल, विजय बिष्ट, दाता बिजल्वाण, रघुनाथ चौहान, सुरेंद्र सिंह राणा, नरेंद्र सिंह राणा आदि उपस्थित रहे।