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सोशल मीडिया न्यूज पोर्टल बने उगाही का आसान जरिया, रामनगर हल्द्वानी में सरकारी प्रक्रिया के बाद एलाट हुए ईको टूरिज्म के कैंप के संचालक का मानसिक उत्पीड़न मामला पहुंचा थाने में 

रिपोर्ट _ कृष्णा डोभाल

देहरादून , उत्तराखंड में तेजी के साथ धन उगाई का नया धंधा काफी फल फूल रहा है, अभी तक अखबार और चैनल के नाम पर लोगो की नींद उड़ी हुई थी ,अब सोशल मीडिया की पत्रकारिता के नाम पर अवैध वसूली का हथियार तथाकथित लोगो के पास आ गया है, सच्चाई यह है कि वर्किंग जर्नलिस्ट अब इन लोगो के चलते परेशान है क्योंकि मीडिया बदनाम हो रहा है, न्यूज पोर्टल पर ना ही सूचना निदेशालय का अंकुश है और ना ही सूचना प्रसारण मंत्रालय अभी तक कोई ठोस नीति बना पाया है, जिसका फायदा उठा कर कुछ लोग समाज में अपने फायदे की खबर प्लांट कर के विभागो पर दबाव बनाते है कुछ ऐसा ही मामला रामनगर ,हल्द्वानी में देखने को आया जिसकी शिकायत रामनगर थाने तक पहुंची, पीड़ित हरीश सत्ती का कहना है कि नियमो के आधार पर वन निगम द्वारा ईको टूरिज्म के बिजरानी कैंप के 15 कॉटेज के संचालन के लिए नये आवेदन मांगे गए।

उनको आवेदन और प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद कैंप संचालित करने का अवसर मिला, और उनके द्वारा इसको रिनोवेट कर के काम शुरू करने जा रहे है लेकिन बीते कुछ समय से अपने को पत्रकार कह कर दो व्यक्ति लगातार उन पर दबाव बना रहे और कैंप बंद कराने के प्रयास कर रहे है, जिस से परेशान होकर उन तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ रामनगर थाने में शिकायत दर्ज करी है और पुलिस प्रशासन से इनके और इनके पीछे खबर प्लांट करवा रहे लोगो के खिलाफ सख्त कारवाही की मांग करी है। जिस से पत्रकारिता की आड़ में इस तरह लोगो को मानसिक उत्पीड़न और चरित्र हनन पर रोक लग सके।

 

एक नजर पूरे प्रकरण पर…

1- यूपी के जमाने से जंगल लोर और विजरानी कैंप सागीर खान को दिये गये थे।

2- तब ईको टूरिज्म को लेकर वन निगम और सागीर खान के बीच अनुबंध हुआ था।

3- 2023 में सागीर खान ने बिजरानी कैंप को चलाने में असमर्थता जताई, निगम को लिखित पत्र दिया

4- सागीर खान कभी भी ईको टूरिज्म कैंप के कारोबार को वार्षिक आय 5 लाख से अधिक का नहीं कर सके।

5- सागीर खान के लिखित असमर्थता जताने के बाद तत्काली डीएसएम ने उनके पत्र को क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) के पास भेज दिया।

6- क्षेत्रीय प्रबंधन ने ईको टूरिज्म के बिजरानी कैंप के 15 कॉटेज के संचालन के लिए नये आवेदन मांगे। क्योंकि इसकी सालाना आय 5 लाख से कम थी, लिहाजा निगम ने अपने नोटिस बोर्ड पर इसका विज्ञापन चस्पा किया।

7- निगम ने आवेदनों की जांच लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की।

8- कमेटी ने आवेदनकर्ताओं के आवेदन को जांचने के बाद रिद्धिमा बेकर्स एंड हॉस्पिटलिटी को उपयुक्त पाया। जिसके बाद मार्च 2024 से बिजरानी कैंप के संचालन का जिम्मा रिद्धिमा बेकर्स को दे दिया गया।

9- चूकिं बिजरानी कैंप जीर्णशीर्ण हालत में था। जिसकी विडियो ग्राफी निगम के कर्मचारियों के सामने की गई। उस विडियोग्राफी को डीएसएम दफ्तर में जमा किया गया है।

10- रिद्धिमा बेकर्स के संचालकों ने इस कैंप का कायाकल्प कर दिया है। जिसके बाद कई विरोधियों की नजर इस पर लग गई है। जो कि अब खबरें प्लांट करवा रहे हैं।

11- विगत दिनों दो शख्स बिजरानी कैंप पहुंचे। जो कि अपने आप को पत्रकार बता रहे थे। विरोधियों के हाथ में खेल रहे इन कथित पत्रकारों ने निशुल्क सेवा की मांग की। जिसकी पूर्ती नहीं करने पर ये कथित पत्रकार निगम द्वारा की गई प्रक्रिया को गलत ठहराने की कोशिश कर रहा है।

12- विरोधियों के द्वारा पोषित ये कथित पत्रकार केवल बिजरानी कैंप की बात कर रहे हैं। जबकि वहां दो कैंप संचालित हैं। जिसमें से एक यूपी के जमाने से चल रहा है।

13- इन कथित पत्रकारों के खिलाफ रिद्धिमा बेकर्स एंड हॉस्पिटलिटी के संचालकों द्वारा एक शिकायत रामनगर थाने में भी की गई है।

 

 

Krishna Rawat

Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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