
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश, थाना लक्ष्मण झूला से दिनांक 24 अगस्त लगभग 8 बजे रात्रि को SDRF टीम ढाल वाला को सूचना प्राप्त हुई कि नीलकंठ मार्ग पर तीन लोग रास्ता भटककर गहरे जंगल की ओर निकल गए हैं और उनकी लोकेशन का कोई अता-पता नहीं है। चूँकि यह क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क का अत्यंत घना व खतरनाक इलाका है, अतः तुरंत रेस्क्यू टीम की आवश्यकता थी।
सूचना मिलते ही SDRF की विशेष टीम ढाल वाला से रवाना हुई। पशुलोक बैराज पर पहुँचकर वन विभाग के अधिकारियों से विस्तृत समन्वय किया गया और स्थिति का गंभीर आकलन कर संयुक्त रणनीति बनाई गई। इसके उपरांत SDRF और वन विभाग की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू अभियान प्रारंभ किया।
रेस्क्यू अभियान में कई कठिन चुनौतियाँ..
अभियान के दौरान टीम को राजाजी नेशनल पार्क के घने और बेहद खतरनाक जंगल से होकर गुजरना पड़ा।
हर ओर जंगली हाथियों के चिंघाड़ने की गूंज वातावरण को भयावह बना रही थी।मूसलाधार बारिश, घनघोर अंधकार और फिसलन भरे कीचड़युक्त रास्तों ने हालात और भी कठिन बना दिए।
वास्तविक रास्ते न होकर केवल कंटीली झाड़ियों और पथरीले ढलानों के बीच से आगे बढ़ना पड़ा। कई बार टीम को बैठकर रेंगते हुए आगे बढ़ना पड़ा।
इन सब जोखिमों और कठिनाइयों के बावजूद SDRF टीम ने हार नहीं मानी। अदम्य साहस, धैर्य और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए टीम प्राप्त हुई लोकेशन की ओर लगातार बढ़ती रही।
मिली साहसिक सफलता..
लगभग चार घंटे तक चले कठिन व जोखिमपूर्ण सर्च अभियान के बाद SDRF और वन विभाग की संयुक्त टीम ने आखिरकार घने जंगल की गहराइयों में फँसे सभी तीनों व्यक्तियों को सकुशल खोज निकाला। अंधकारमय और भयावह वातावरण में मिली यह सफलता टीम के अथक प्रयासों, सामूहिक सहयोग और साहस का परिणाम रही।
यह सफल रेस्क्यू अभियान SDRF की कर्तव्यपरायणता, निष्ठा और अदम्य साहस का उज्ज्वल उदाहरण है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मानव जीवन की रक्षा हेतु SDRF हमेशा तत्पर और समर्पित रहती है।