रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल
ऋषिकेश , ऋषिकेश की पौराणिक नदी रंभा नदी में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एन डी तिवारी के कार्यकाल से फाइलों में सिमटी रही संजय झील के दिन अब बहुरने लगे हैं , तमाम अड़चनों और घोषणाओं के बाद आधार कार्ड संजय झील अब अस्तित्व में आने लगी है , जो ऋषिकेश के बीचो बीच पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बनेगी ।
महापौर अनिता ममगाई ने वन विभाग के रेंजर के साथ रंभा नदी के उद्वगम स्थल का निरीक्षण किया और कार्य की प्रगति पर संतुष्टि जताते हुए उम्मीद जताई की करीब तीन दशकों से निर्माण की बाट जोह रही यह योजना जल्द पूर्ण हो जायेगी।
वन विभाग द्वारा संजय झील में बनायें गये जोगिंग प्वाइंट एवं लगाये गये बेंचों का बारीकी से अवलोकन करने के प्रश्चात महापौर ने कहा कि जल्द ही रंभा नदी का यह स्थल शहर के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जायेगा जहां योग ,ध्यान एवं आध्यात्मिक शांति के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ेगी वहीं बच्चों के साथ पिकनिक एवं सैर सपाटा करने वालों के लिए भी यह प्रमुख आर्कषण का केन्द्र साबित होगा।
महापौर ने बताया कि पर्यटन एवं तीर्थाटन के लिए रंभा नदी को विकसित करने के लिए वह पिछले तीन वर्षों से शिद्दत के साथ जुटी रही हैं।
संत समाज ने रंभा नदी के उद्वगम स्थल पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के बीच पौधे रोंपें थे। उनकेआर्शीवाद से ही यह योजना रफ्तार पकड़ सकी है। इस दौरान महापौर ने बताया कि इस रंभा कुंड का जिक्र स्कंदपुराण में किया गया है।यह स्थल रंभा कुंड के नाम से पहचाना जाये इसके लिए विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव दिया गया है। इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन सिंह नेगी, पार्षद विजय बडोनी, सुनील उनियाल, पूरण पवार, पवन शर्मा, राकेश पाल आदि शामिल रहे।