समलौण आन्दोलन बन रहा पहाड़ की पहचान
तीज त्यौहार के साथ साथ शादी ब्याह, जन्मदिन यादगार बनाने और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए चल रहा है समलौण आंदोलन
रिपोर्ट _कृष्णा रावत डोभाल
टिहरी, पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए उत्तराखंड में तरह-तरह की कोशिश पर्यावरणविद करते जा रहे है जिस से कम होते वृक्षों के प्रीति समाज का चिंतन बढ़े और वो वृक्षा रोपण में अपनी जिम्मेदारी को समझें , कुछ इसी पहल को आगे बढ़ाने के लिए
समलौण आन्दोलन के अखिलेश जोशी शादी ब्याह के अवसर पर दूल्हा दुल्हन को पहाड़ों की जलवायु से संबंधित पौधे भेंट कर रहे हैं जिससे आने वाले दिनों में लोगों का तीज त्यौहार शादी ब्याह और जन्मदिन में पौधा लगाने का संकल्प मजबूत होता जाए।
इसी क्रम में जनपद टिहरी गढ़वाल के विकास खंड नरेंद्र नगर के ग्राम नौडू में शूरबीरसिह॑ भंडारी की पुत्री की शादी के अवसर पर वर वधू रविन्द्र एवं आशा के हाथों समलौण आन्दोलन के जिला संयोजक अखिलेश जोशी ने तेजपात का समलौण पौधा भेंट कर शादी को यादगार बनाने एवं पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया, अखिलेश जोशी ने कहा ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन आदि अनेक समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है॑,यह सब घटते जगलो॑ के कारण हो रहा है, इससे हमारे हिमालय को खतरा बना हुआ है,इन सबसे बचने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर उनका संरक्षण करना चाहिए।
इस तरह की मुहिम अगर उत्तराखंड में तेजी के साथ आगे बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में एक बार फिर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते हुए पहाड़ हरे-भरे नजर आएंगे जिससे प्राकृतिक संतुलन नहीं बना रहेगा ।