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महाराष्ट्र चुनाव में RSS ने हाशिए पर आ गई भाजपा को कैसे दिलाई बड़ी जीत, वरिष्ठ प्रचारक और सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने चुनावी कौशल दिखा कर चुनौती को किया पार
रिपोर्ट _ कृष्णा रावत डोभाल
मुंबई, जीत की ओर कोई भी दल ऐसे नहीं पहुंचता राजनीतिक कौशल और मन को मत में कनवर्ट कर अपनी जड़ों को देश में सालों तक जमा चुके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बीजेपी को मातृ संगठन की ताकत का अहसास करा दिया और वो संघ की पुरानी कहावत को चरितार्थ कर दिया।
हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में आरएसएस की सक्रिय भागीदारी और बीजेपी की शानदार जीत इस बात का ताजा उदाहरण है। आरएसएस के इस नए रूप ने सबको चौंका दिया है। आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में घर-घर जाकर प्रचार किया और लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया। जानकार मानते है कि इस बार आरएसएस ने चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ले ली थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के पीछे आरएसएस की रणनीति और चुनाव प्रबंधन का बहुत बड़ा हाथ है। बीजेपी ने 2014 के चुनावों में जीती गई 122 सीटों के आंकड़े को पार करते हुए इस बार और भी शानदार प्रदर्शन किया है। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पूरे महाराष्ट्र में डेरा डालकर यह सुनिश्चित किया कि महायुती के उम्मीदवारों को हर विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी वोट मिलें।
RSS के वरिष्ठ प्रचारक और सह संगठन महामंत्री राजनीतिक के माहिर शिवप्रकाश जी ने राजनीतिक कौशल दिखाते हुए हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में स्वयंसेवकों को घर घर पहुंचा कर एक जुटता का ऐसा संदेश दिया कि बीजेपी से दूर हो गया वोटर मत केंद्रों पर विजय का परचम लहरा गया और विपक्ष इस को समझ भी नहीं पाया, अपनी नाकामी पर वोटिंग मशीन को कटघरे में खड़ा कर दिया।
देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने अपनी सटीक रिपोर्ट के जरिए पहले ही बता दिया था कि RSS के स्वयंसेवक कैसे एक्टिव हो कर महाराष्ट्र में चुनावी गणित को बदल रहे है और लोगों को प्रेरित कर रहे है।
गौरतलब है कि 2017 में उत्तराखंड और 2023 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत मुश्किल मानी जा रही थी, फिर जिम्मेदारी सौंपी गई शिवप्रकाशजी को और उन्होंने अपने माइक्रो मैनेजमेंट के प्लान को अमल में लाया. जिसके बाद इन राज्यों में भाजपा सत्ता पर काबिज हुई तो वहीं, 2017 उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी शिव प्रकाश की रणनीती बीजेपी को सत्ता में लाई, महाराष्ट्र से पहले उत्तरप्रदेश ,मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाई थी ।
महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख भले ही सामने आ चुकी है, लेकिन प्रदेश का मुखिया यानी की मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हैं। इस बीच खबर आ रही है राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ (आरएसएस) भारतीय जनता पाटीं (भाजपा) के भीतर नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हो रही चर्चाओं और जातिगत समीकरणों के आधार पर निर्णय लेने की संभावनाओं से नाखुश है। इस से पर्दा लगभग उठ गया है 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ होने जा रही है।