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एम्स में पढ़ रहे मेडिकल स्टूडेंट को राष्ट्रपति ने दी स्वास्थ्य सेवा को समाज हित में अपनाने की सलाह

चिकित्सा क्षेत्र केवल एक प्रोफेशन ही नहीं बल्कि एक मिशन है 

 

रिपोर्ट_कृष्णा रावत डोभाल

ऋषिकेश, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मूआज ऋषिकेश एम्स के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंची और छात्र-छात्राओं को विभिन्न कोर्स में डिग्री प्रदान करी , इस अवसर पर बोलते हुए महामहिम राष्ट्रपति

ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र केवल एक प्रोफेशन ही नहीं बल्कि यह एक मिशन भी है। उन्होंने देशभर में बढ़ रहे डाइबिटिज के मरीजों एवं धूप की कमी से महिलाओं में बढ़ रही एनिमिया की बीमारी के उपचार और इस दिशा में एम्स संस्थानों से अनुसंधान का आह्वान किया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रसन्नता जाहिर की कि दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक है यह एक सामाजिक बदलाव का संकेत है। उन्होंने कहा कि देशभर में बेहतर इलाज करने के कारण ही एम्स संस्थानों की विशिष्ट पहचान है।

उन्होंने देश में मधुमेह के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए चिकित्सकों से दोनों जटिल बीमारियों से मरीजों को निजात दिलाने के लिए अनुसंधान बढ़ाने पर जोर दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि संपन्न व सक्षम व्यक्ति के पास अपना उपचार कराने के अनेक माध्यम हैं, ऐसे में चिकित्सकों को प्रत्येक गरीब व अक्षम व्यक्ति के इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने विश्व आरोग्यम् हि परम धर्म: सूक्ति वाक्य को साकार कर रहे एम्स ऋषिकेश की चिकित्सकीय सेवाओं की सराहना की और कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से एम्स, ऋषिकेश की विशेष पहचान है।

समारोह में राष्ट्रपति ने एमबीबीएस, डीएम, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग व बीएससी एलाइड हेल्थ साइंस के 10 मेडिकल स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से नवाजा व उपाधियां प्रदान की।

इस अवसर पर राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह समारोह स्नातक चिकित्सकों, नर्सों की उपलब्धियों का उत्सव है। उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र- छात्राओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदर्शी सोच परिणाम है। उन्होंने ड्रोन सेवा के माध्यम से चार धाम यात्रा मार्गों पर आपात दवाओं को पहुंचाए जाने के एम्स, ऋषिकेश के प्रोजेक्ट को तीर्थयात्रियों के लिए जीवन रेखा बताया। उन्होंने कहा कि पहले गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज के लिए राज्यवासियों को दिल्ली व चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था लेकिन ऋषिकेश में एम्स की स्थापना से राज्य को इसका विशेष लाभ मिल रहा है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने एम्स ऋषिकेश को उत्तराखंड के लोगों के लिए आशा की किरण बताया। जो दुर्गम पहाड़ी राज्य के गंभीरतम मरीजों को आवश्यक तृतीयक देखभाल सेवाएं प्रदान करता है।

एम्स जैसे संस्थानों में किए गए अत्याधुनिक शोध उभरती बीमारियों और स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण हैं। टेलीमेडिसिन और अनुसंधान पहल पर हालिया जोर यह दर्शाता है कि एम्स ऋषिकेश इन चुनौतियों से निपटने की दिशा में सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त एम्स ऋषिकेश रोगी देखभाल को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सबसे आगे रहा है।

उन्होंने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में तपेदिक रोधी दवाओं को पहुंचने के लिए सफल ड्रोन परीक्षण एम्स,ऋषिकेश द्वारा अपनाए गए नवीन दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।

समारोह के दौरान यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी तथा एलाइड साइंस के 598 छात्र- छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं।

एम्स के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. समीरन नंदी ने संस्थान की टेलिमेडिसिन सर्विसेस को चिकित्सा क्षेत्र में माइल स्टोन बताया। साथ ही कहा कि संस्थान एविडेंस बेस्ड मेडिसिन पर प्राथमिकता से कार्य कर रहा है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने एम्स की सेवाओं के बारे में विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य रोगी की देखभाल करना है। प्रत्येक व्यक्ति को सही व समय पर उपचार मिले हम इसके लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत ही कम समय में एम्स ने 1,28,070 से अधिक रोगियों का इस स्वास्थ्य योजना के तहत उपचार किया है। राज्य में इस योजना के तहत रोगियों को लाभ देने में हम पहले स्थान में हैं। उन्होंने अस्पताल की क्लिलिकल मामलों को भी सामने रखा, कहा कि बुनियादी ढांचे व स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में एम्स ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। बताया कि वर्तमान में संस्थान में 12 नए आपातकालीन बेड्स सहित 972 बेड उपलब्ध हैं। जिनमें 200 आईसीयू बेड शामिल हैं।

प्रो. मीनू सिंह ने नीकू और पीकू का भी जिक्र किया और बताया कि शिशु मृत्युदर को कम करने और नवजात शिशुओं की पर्याप्त देखभाल हेतु इन दोनों विभागों की सेवाओं का लोगों को लाभ मिल रहा है। कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में उन्होंने कहा कि एम्स में उत्तराखंड के अलावा यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार आदि राज्यों के मरीज यहां स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

निदेशक एम्स ने प्रोजेक्ट संजीवनी के माध्यम से हेली एंबुलेंस आपात चिकित्सा सेवा को राज्य के लिए वरदान बताया। साथ ही कहा कि संस्थान द्वारा सुदृढ़ टेलिमेडिसिन विभाग के माध्यम से दूरदराज के लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रो. मीनू सिंह ने ड्रोन स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान कार्य, शैक्षणिक उपलब्धियों और सोशल आउटरीच सेल से उपलब्ध कराए जा रहे स्वास्थ्य लाभ की खूबियां भी बताई। उन्होंने गत वर्ष यूथ 20 इवेंट अयोजन की सफलता, मिलेट कैफे के माध्यम से मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर भी प्रकाश डाला साथ ही संस्थान की भविष्य की योजनाओं और राज्य के उधमसिंहनगर जनपद में एम्स ऋषिकेश के सेटेलाइट सेंटर स्थापित किए जाने संबंधी जानकारी भी दी।

डा. मनु मल्होत्रा व डॉ. जयंती पंत के संचालन में आयोजित समारोह में डीन एकेडमिक प्रो. जया चतर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उपनिदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पराशर, प्रो. प्रशांत पाटिल, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल एस. सिद्धार्थ, प्रो. लतिका मोहन, डॉ. मीनाक्षी धर सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदस्य, अधिकारी व मेडिकल व नर्सिंग छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

598 विद्यार्थियों को प्रदान की गई उपाधियां

दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एमबीबीएस 2013 बैच से 1, 2015 बैच से 1 और 2017 बैच के 98 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इनके अलावा बीएसएसी नर्सिंग 2017 बैच के 57, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच के 97 और बीएससी नर्सिंग 2019 बैच के 100 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। एमएससी नर्सिंग के 2021 बैच के कुल 9 छात्र-छात्राओं को भी डिग्री प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि समारोह में एमडी/एमएस में 2020 बैच के 4, 2021 बैच के 111, डीएम/एमसीएच में 2021 बैच के 31, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ वर्ष 2022 बैच के 10 और बीएससी एलाईड हेल्थ साईंस 2019-20 बैच के 67 स्टूडेंट्स सहित पीएचडी करने वाले वर्ष 2017-19 बैच के 12 छात्र-छात्राओं को भी उपाधि प्रदान की गई।

 

मेडल प्राप्त करने वालों की सूची

 

गोल्ड मेडल

डा. दीपिका मेहता एमबीबीएस 2017 बैच

डॉ. कार्तिक के. डीएम हेमेटोलॉजी जनवरी 2021 बैच

डॉ. फलक ढाका एमबीबीएस 2017 बैच

डॉ. अंजलि यादव, एमबीबीएस 2017 बैच

डॉ. अक्षत ककानी एमबीबीएस 2017 बैच

कु. मंजीत , एमएससी नर्सिंग 2021 बैच

ललिता शर्मा, बीएससी नर्सिंग 2017 बैच

नंदनी भाटिया, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच

सनमीत कौर, बीएससी नर्सिंग 2019 बैच

विप्रा, बीएससी पेरामेडिकल 2020 बैच

सिल्वर मेडल

डॉ. फलक ढाका एमबीबीएस 2017 बैच

कांस्य पदक

डॉ. अंजलि यादव 2017 बैच

Krishna Rawat Dobhal

Awarded by Bjp mahila morcha on international women's day for the field of Journalism, Nari shakti samman by Mahila Ayog(2023),Gauradevi saman 2014,Journalist by profession, photography my passion Documentaries maker ,9 years experience in web media ,had internship with leading newspaper and national news channels, love my work BA(Hons) Mass Communication and Journalism from HNBGU Sringar Garhwal , MA Massa Communication and Journalism from OIMT Rishikesh

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